इससे पहले चुनाव आयोग ने कहा था कि मीडिया द्वारा अदालत की टिप्पणियों की गलत तरीके से रिपोर्टिंग की जा रही है, जिससे इस संवैधानिक संस्था की छवि धूमिल हो रही है। चुनाव आयोग ने ये भी कहा है कि वो मद्रास हाईकोर्ट की मौखिक टिप्पणी से व्यथित है जिसमें ये कहा गया कि वर्तमान स्थिति के लिए अकेले आपकी संस्था जिम्मेदार है। आयोग का कहना है कि ऐसी संस्था जिसपर देश में चुनाव कराने का संवैधानिक दायित्व है, मीडिया में आई खबरों ने उसकी छवि को खराब करने का काम किया है।
बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि ‘चुनाव आयोग के अधिकारियों पर हत्या के आरोपों का मामला दर्ज होना चाहिए।’ हाईकोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग ने नियमों का कड़ाई से पालन नहीं कराया, जिसके कारण कोरोना इस खतरनाक तरीके से फैला। बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में हुए चुनावों में कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया।
इस फटकार के बाद चुनाव आयोग ने निर्देश दिये कि विधानसभा चुनावों के नतीजे (Result) आने के बाद जीत के जुलूस पर पाबंदी रहेगी। आयोग ने नतीजों के बाद विजय जुलूस या किसी तरह के जश्न पर पाबंदी लगा दी। साथ ही ये फैसला भी सुनाया कि 2 मई को होने वाली मतगणना के दौरान कोई भी प्रत्याशी या एजेंट कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के बिना मतगणना केंद्र (Counting center) के अंदर नहीं जा सकेंगे। प्रत्याशी को तभी प्रवेश मिलेगा जब वो RTPCR निगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करे या वैक्सीनेशन के दोनों डोज लेने का प्रमाणपत्र हो। RTPCR रिपोर्ट 24 घंटे से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए।