ऋषिकेश, डेस्क रिपोर्ट। चिपको आंदोलन (Chipko movement) के प्रणेता और प्रख्यात पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा (Renowned environmentalist Sundarlal Bahuguna) का कोरोना से निधन हो गया है। कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें 8 मई को ऋषिकेश स्थित एम्स (Rishikesh AIIMS) में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने आज दोपहर में अंतिम सांस ली। हालांकि, गुरुवार शाम तक बहुगुणा की हालत स्थिर थी,लेकिन डायबिटीज के साथ वह कोविड और निमोनिया से भी पीड़ित हो गए थे।
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जानकारी के अनुसार, गुरुवार देर रात सुंदरलाल बहुगुणा की तबियत अचानक बिगड़ गई थी, उनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 86 प्रतिशत पर पहुंच गया था, वे कोरोना के साथ साथ डायबिटीज के भी मरीज थे और उन्हें निमोनिया भी हो गया था। वही विभिन्न रोगों से ग्रसित होने के कारण वह पिछले कई सालों से दवाईयों का सेवन कर रहे थे, ऐसे में आज दोपहर उनका इलाज के दौरान निधन हो गया।उनके निधन पर पीएम और सीएम ने शोक जताया है।
उतराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Uttarakhand CM Tirath Singh Rawat) ने सुंदरलाल बहुगुणा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा है कि पहाड़ों में जल, जंगल और जमीन के मसलों को अपनी प्राथमिकता में रखने वाले और रियासतों में जनता को उनका हक दिलाने वाले श्री बहुगुणा जी के प्रयास को सदैव याद राखा जाएगा।
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वही पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी उनके निधन पर दुख जताते हुए लिखा है कि सुंदरलाल बहुगुणा का निधन हमारे देश के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने के हमारे सदियों पुराने लोकाचार को प्रकट किया। उनकी सादगी और करुणा की भावना को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। मेरे विचार उनके परिवार और कई प्रशंसकों के साथ हैं।
चिपको आंदोलन के प्रणेता और हिमालय रक्षक
सुंदरलाल बहुगुणा हमेशा महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के सिद्धांतों पर चलते थे। उन्होंने 70 के दशक में पर्यावरण सुरक्षा को लेकर अभियान चलाया था, जिसका पूरे देश पर बड़ा असर पड़ा था और इसी दौरान उन्होंने गढ़वाल हिमालय में पेड़ों की कटाई के विरोध में शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन चलाया गया, मार्च 1974 को कटाई के विरोध में स्थानीय महिलाएं पेड़ों से चिपक कर खड़ी हो गईं, दुनिया ने इसे चिपको आंदोलन के नाम से जाना।वही हिमालय के बचाव का काम भी शुरू किया और उसके लिए ही जिंदगीभर आवाज़ उठाई, यही कारण है कि उन्हें हिमालय का रक्षक भी कहा गया।
चिपको आंदोलन के प्रणेता, विश्व में वृक्षमित्र के नाम से प्रसिद्ध महान पर्यावरणविद् पद्म विभूषण श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी के निधन का अत्यंत पीड़ादायक समाचार मिला। यह खबर सुनकर मन बेहद व्यथित हैं। यह सिर्फ उत्तराखंड के लिए नहीं बल्कि संपूर्ण देश के लिए अपूरणीय क्षति है। pic.twitter.com/j85HWCs80k
— Tirath Singh Rawat (मोदी का परिवार) (@TIRATHSRAWAT) May 21, 2021
Passing away of Shri Sunderlal Bahuguna Ji is a monumental loss for our nation. He manifested our centuries old ethos of living in harmony with nature. His simplicity and spirit of compassion will never be forgotten. My thoughts are with his family and many admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 21, 2021