महाराष्ट्र : सरकारी अस्पताल में भीषण आग, 10 नवजात मासूमों की मौत, CM ने दिए जांच के आदेश

Pooja Khodani
Updated on -

पुणे, डेस्क रिपोर्ट। महाराष्ट्र (Maharashtra) के भंडारा जिले (Bhandara District) में देर रात बड़ा हादसा हो गया।यहां सरकारी अस्पताल (Bhandara Government Hospital) में आग (Fire)) लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई।मरने वाले बच्चों में एक दिन से लेकर तीन महीने तक के बच्चे शामिल थे।वही सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) से सात बच्चों रेस्क्यू किया गया है।घटना के बाद हड़कंप मच गया है, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। इधर महाराष्ट्र मुख्यमंत्री (Maharashtra CM) ने जांच के आदेश दिए है।

यह भी पढ़े… सरकारी अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार, बाहर सर्दी में कांप रही मासूम जिंदगियां

जानकारी के अनुसार, घटना शुक्रवार देर रात 2 बजे की है। यहां भंडारा जिले (Bhandara Hospital)  के सरकारी अस्‍पताल सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में आग (Fire) लग गई, जिससे  10 बच्‍चों  की मौके पर ही मौत (Death) हो गई और करीब 7 को बचा लिया गया। इस वार्ड में एक दिन से लेकर तीन माह तक के बच्‍चों को रखा गया था।आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि धुआं निकलते देख अस्‍पताल में मौजूद नर्स जब तक वार्ड में पहुंची तब तक 10 बच्‍चे झुलस चुके थे।आनन-फानन में दमकल को सूचना दी गई, लेकिन आग बुझाने तक 10 मासूम मौत की नींद सो चुके थे।

यह भी पढ़े… MP Board : 10वीं और 12वीं परीक्षाओं को लेकर बोर्ड का एक और बड़ा फैसला

घटना के बाद से अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही पर सवाल खड़े हो रहे है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने जांच के आदेश दिए है वही स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Health Minister Rajesh Tope) से भी बात की।वही उन्होंने भंडारा जिले के कलेक्टर (Bhandara Collector) और पुलिस अधीक्षक (Bhandara SP) से बात कर मामले की जानकारी ली है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने भी इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने इस हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और ईश्वर से परिवार को इस असहनीय दुख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।

 


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News