Budget 2024: आज लोकसभा में बजट सत्र का आरंभ हुआ और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 का भाषण शुरू किया। बजट की शुरुआत में वित्त मंत्री ने देशवासियों को सरकार को दोबारा चुनने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि कैसे दुनियाभर में आर्थिक अस्थिरता और बढ़ते इनफ्लेशन के बावजूद भारत ने अपने इनफ्लेशन को बैलेंस करके रखा है।
अंतरिम बजट की बात करते हुए सीतारमण ने प्रधानमंत्री मोदी के विकास के चार स्तंभ GYAN (Growth, Youth, Agriculture, and Nation-building) की बात की। वित्त मंत्री ने बताया कि कैसे अंतरिम बजट में किसानों के लिए दी गई सुविधाओं की जानकारी दी गई है। इस बजट में हम रोजगार, एमएसएमई, स्किल डेवलेपमेंट और मिडिल क्लास पर फोकस कर रहे हैं।
गरीब कल्याण योजना को 5 साल बढ़ाया, रोजगार और कौशल विकास पर हमारा ध्यान – वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि गरीब कल्याण योजना को अगले 5 सालों के लिए बढ़ाया जा रहा है। इस योजना के तहत गरीबों के लिए कई लाभकारी प्रावधान किए जाएंगे। रोजगार और कौशल विकास पर भी सरकार का विशेष ध्यान रहेगा ताकि युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर मिल सकें।
शिक्षा के लिए 10 लाख का लोन, युवाओं के लिए विशेष ऐलान:
वित्त मंत्री ने युवाओं के लिए बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही, पहली जॉब पाने पर युवाओं को 15 हजार रुपये सीधे उनके EPFO अकाउंट में मिलेंगे।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 3 करोड़ और घर बनाए जाएंगे:
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 3 करोड़ और घर बनाए जाएंगे। यह योजना गरीब और मिडिल क्लास परिवारों को अपने घर का सपना पूरा करने में मदद करेगी।
कौशल विकास के लिए लोन:
सरकार कौशल विकास के लिए भी लोन प्रदान करेगी, जिससे युवाओं को अपने कौशल को निखारने और रोजगार पाने में मदद मिलेगी।
बोधगया और राजगीर के लिए सड़क परियोजना:
वित्त मंत्री ने बोधगया और राजगीर के लिए नई सड़क परियोजनाओं की भी घोषणा की, जिससे इन क्षेत्रों का विकास होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
आंध्र प्रदेश को मिला विशेष आर्थिक पैकेज:
आंध्र प्रदेश के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई है, जो राज्य के विकास को गति देगा और यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करेगा।
मुद्रा लोन की लिमिट 20 लाख रुपए की गई:
मुद्रा लोन की लिमिट को बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दिया गया है, जिससे छोटे उद्यमियों और व्यवसायियों को और अधिक वित्तीय सहायता मिल सकेगी।
महिलाओं को केंद्र सरकार का तोहफा:
बजट में महिलाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इस राशि का उपयोग महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए किया जाएगा।
MSME को बिजनेस जारी रखने के लिए स्पेशल क्रेडिट प्रोग्राम और नई ब्रांचों की स्थापना:
मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्यमों (MSME) के लिए एक विशेष क्रेडिट प्रोग्राम की घोषणा की गई है, जो बिजनेस को बनाए रखने में मदद करेगा। इसके अतिरिक्त, सिडबी की पहुंच को बढ़ाने के लिए अगले 3 वर्षों में नई ब्रांचें खोली जाएंगी, जिनमें से 24 ब्रांचें इसी साल स्थापित की जाएंगी। इससे MSME सेक्टर को अधिक व्यापक वित्तीय सेवाएं मिलेंगी और उनके व्यवसाय को प्रोत्साहन मिलेगा।
फूड प्रोडक्शन और फूड सेफ्टी के लिए पहल:
सरकार ने 50 मल्टी प्रोडक्ट फूड यूनिट्स के सेटअप के लिए सहायता देने का ऐलान किया है, जो खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने में सहायक होंगी। इसके अलावा, फूड सेफ्टी लैब की स्थापना के लिए भी MSME को वित्तीय मदद दी जाएगी, ताकि खाद्य सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित किया जा सके।
ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट को बढ़ावा:
ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर एक नई स्कीम लाई जाएगी, जिससे भारतीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक पहुंच मिलेगी और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
इंटर्नशिप प्रोग्राम:
सरकार ने 500 प्रमुख कंपनियों में 5 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देने का प्रावधान किया है, जिससे युवाओं को व्यावसायिक अनुभव प्राप्त होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
बुनियादी ढांचे के लिए मजबूत राजकोषीय समर्थन:
सरकार ने अगले 5 वर्षों में बुनियादी ढांचे के लिए मजबूत राजकोषीय समर्थन बनाए रखने का संकल्प लिया है। इस परिप्रेक्ष्य में, पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर 11,11,111 करोड़ रुपये किया गया है, जो भारत की GDP का 3.4% है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकारों द्वारा बुनियादी ढांचे में निवेश को समर्थन देने के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का दीर्घकालिक ब्याज मुक्त ऋण प्रावधान किया गया है।
पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर के लिए योजनाएं:
वित्त मंत्री ने पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर और महाबोधि मंदिर कॉरिडोर को विश्व स्तरीय तीर्थ और पर्यटन स्थलों में बदला जाएगा। इसके साथ ही, राजगीर का व्यापक विकास किया जाएगा और नालंदा को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। नालंदा विश्वविद्यालय को उसके गौरवशाली स्वरूप में पुनर्जीवित किया जाएगा, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को बनाए रखते हुए शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहचान देगा।
कई महत्वपूर्ण घोषणाएं
इस बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं जो विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करेंगी। आयातित सोना और चांदी अब सस्ते हो गए हैं, क्योंकि इन पर सीमा शुल्क घटाकर 6% कर दिया गया है। इसके साथ ही, प्लैटिनम पर भी सीमा शुल्क घटकर 6.4% हो गया है। लेदर और जूते पर भी कस्टम ड्यूटी को घटाया गया है, जबकि पीवीसी फ्लेक बैनर पर सीमा शुल्क में कमी की गई है। अमोनियम नाइट्रेट पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 10% किया गया है। दूरसंचार उपकरणों के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं। IT ACT 1961 को सरल बनाने की योजना है, और ई-कॉमर्स ऑपरेटरों को टीडीएस में भारी छूट दी जाएगी, जिससे व्यापार के लिए एक सुविधाजनक माहौल तैयार किया जाएगा।
पांच राज्यों में किसान क्रेडिट कार्ड लॉन्च किए जाएंगे:
वहीं इस बजट में सरकार ने कई प्रमुख क्षेत्रों में सुधार की योजनाओं की घोषणा की है। ई-श्रम पोर्टल को अन्य श्रम पोर्टलों से जोड़ा जाएगा और श्रम सुविधा और समाधान पोर्टल को नवीकृत किया जाएगा। एयर पॉल्यूशन को कम करने और इसकी गुणवत्ता में सुधार करने के लिए सरकार ने ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया है। इसके अलावा, पांच राज्यों में किसान क्रेडिट कार्ड लॉन्च किए जाएंगे और भूमि आधारित रिफॉर्म पर ब्याज मुक्त कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा। राज्यों के लिए लोन सीमा बढ़ाई गई है और रिसर्च के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जिससे विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छूने में मदद मिलेगी।
वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए टैक्स छूट बढ़ाई:
वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडेक्शन को बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है। इससे कर्मचारियों को टैक्स में अधिक छूट मिलेगी और उनके हाथ में अधिक आय रहेगी।
आयकर स्लैब में बदलाव:
आयकर स्लैब में बदलाव के साथ अब 0 से 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 3 से 7 लाख रुपये तक की आय पर 5% टैक्स, 7 से 10 लाख रुपये तक की आय पर 10% टैक्स, 10 से 12 लाख रुपये तक की आय पर 15% टैक्स, 12 से 15 लाख रुपये तक की आय पर 20% टैक्स और 15 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30% टैक्स लागू होगा। इस नई संरचना से मध्यम वर्गीय परिवारों को टैक्स में राहत मिलेगी और उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा।
स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन:
स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए एंजेल टैक्स को खत्म कर दिया गया है, जिससे नए उद्यमियों को निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी और स्टार्टअप्स के विकास को गति मिलेगी।
एनपीएस में नियोक्ता का योगदान बढ़ाया:
राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में नियोक्ता का योगदान बढ़ाकर 14% कर दिया गया है, जो कर्मचारियों की पेंशन में वृद्धि करेगा और भविष्य के वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करेगा।
विदेशी कंपनियों के लिए टैक्स में कमी:
विदेशी कंपनियों के कॉरपोरेट टैक्स को घटाकर 36% कर दिया गया है, जिससे भारत में विदेशी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को अधिक आकर्षित किया जाएगा।
शेयर बाय बैक पर टैक्स लागू होगा:
शेयर बाय बैक से होने वाली आय पर अब टैक्स लगेगा, जिससे निवेशकों को लाभांश और पूंजी प्राप्ति पर अधिक पारदर्शिता और टैक्स प्रबंधन में मदद मिलेगी।
नए टैक्स रेजीम के अंतर्गत बदलाव:
नए टैक्स रेजीम में विभिन्न श्रेणियों और स्लैब में बदलाव किए गए हैं, जिससे करदाताओं को बेहतर टैक्स प्रबंधन की सुविधा मिलेगी।
वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए टैक्स छूट:
वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडेक्शन को बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है, जिससे उनकी टैक्स छूट बढ़ेगी और हाथ में अधिक आय रहेगी।
आयकर स्लैब में बदलाव:
आयकर स्लैब को संशोधित किया गया है, जिसमें 0 से 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 3 से 7 लाख रुपये तक की आय पर 5% टैक्स, 7 से 10 लाख रुपये तक की आय पर 10% टैक्स, 10 से 12 लाख रुपये तक की आय पर 15% टैक्स, 12 से 15 लाख रुपये तक की आय पर 20% टैक्स और 15 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30% टैक्स लागू होगा। इस नई संरचना से मध्यम वर्गीय परिवारों को टैक्स में राहत मिलेगी और उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा।
महिला, युवा और किसानों पर विशेष फोकस:
इस बार के बजट में महिला, युवा और किसानों के लिए विशेष योजनाएं पेश की जा सकती हैं। किसानों के लिए जहां सम्मान निधि की राशि बढ़ाई जा सकती है, वहीं महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार और शिक्षा से संबंधित नई योजनाओं की उम्मीद है।
जम्मू-कश्मीर का भी बजट होगा पेश:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज जम्मू-कश्मीर का बजट भी पेश करेंगी। यह बजट जम्मू-कश्मीर के विकास और वहां की जनता के लिए नई उम्मीदें लेकर आएगा।
बजट पेश करने का समय:
वित्त मंत्री सीतारमण आज सुबह 11 बजे संसद में बजट पेश करेंगी। यह उनके कार्यकाल का लगातार सातवां बजट है।