भारत में बारिश के मौसम के साथ-साथ जल जनित और मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों का खतरा भी अधिक बढ़ जाता है, जिसमें डेंगू और मलेरिया एक प्रमुख बीमारी हैं। दरअसल डेंगू, जो एडीज मच्छरों के काटने से होता है, एक गंभीर स्थिति ले लेता है। बता दें कि इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, और शरीर पर लाल चकत्ते शामिल होते हैं। ऐसे में यदि समय पर इलाज नहीं मिलता है, तो डेंगू की स्थिति और भी जानलेवा हो सकती है।
दरअसल डेंगू के खिलाफ भारत में एक महत्वपूर्ण प्रगति देखने को मिली है। जानकारी के अनुसार देश ने अपनी पहली स्वदेशी डेंगू वैक्सीन विकसित कर ली है, जिसे “DengiAll” नाम दिया गया है। इस वैक्सीन का मुख्य उद्देश्य देश में डेंगू के मामलों को घटाना और लोगों को इस गंभीर बीमारी से सुरक्षित रखना है। वर्तमान में, यह वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में प्रवेश कर चुकी है, जो डेंगू के खिलाफ इस संघर्ष में एक अहम कदम साबित हो रहा है।
ICMR और Panacea Biotec ने मिलकर किया यह काम
जानकारी के अनुसार ‘”DengiAll” वैक्सीन का निर्माण भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और Panacea Biotec के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। दरअसल यह स्वदेशी टेट्रावैलेंट वैक्सीन चारों डेंगू सीरोटाइप्स (DEN-1, DEN-2, DEN-3, और DEN-4) से सुरक्षा प्रदान करने के लिए विकसित की गई है। इसका उद्देश्य डेंगू के विभिन्न रूपों से प्रभावी ढंग से रक्षा करना है।
बता दें कि “DengiAll” वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण भारत के 18 राज्यों के 19 विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाएगा। इस व्यापक ट्रायल में 10,335 से अधिक स्वयंसेवक शामिल होंगे, जो वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावशीलता की जांच करेंगे।
दरअसल “DengiAll” वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के परीक्षण 2018-19 में सफलतापूर्वक पूरे किए गए थे। इन चरणों में वैक्सीन की सुरक्षा, सहनशीलता और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की जाँच की गई थी। वहीं इन परीक्षणों के सकारात्मक परिणामों के आधार पर वैक्सीन को तीसरे चरण के परीक्षण के लिए हरी झंडी मिली है।