नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट | केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज यानी 3 अक्टूबर को तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे पर रहेंगे। बता दें कि अमित शाह शाम के 5 बजे जम्मू पहुंचेंगे। इस दौरान वो वहां प्रतिनिधि मंडलों से मुलाकात करेंगे। अगले दिन यानि 4 अक्टूबर को वैष्णो देवी मंदिर में माता की पूजा-अर्चना कर दिन की शुरूआत करेंगे। जहां वह एक जनसभा को संबोधित करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की घोषणा कर सकते हैं। जिसके बाद वो वहां कई सारे परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे साथ ही राजौरी, श्रीनगर और बारामूला जिले का दौरा भी करेंगे।
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वहीं, 5 अक्टूबर वह श्रीनगर के राजभवन में होने वाली बैठक में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे। इस बैठक में नागरिक प्रशासन, पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों समेत केंद्र की खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। जिसके बाद वो 5 अक्टूबर की शाम को हवाई मार्ग के रास्ते वापस दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद गृहमंत्री का यह दूसरा दौरा है। इससे पहले वो साल 2021 में यहां गए थे। राजनीतिक रणनीतियों की दृष्टि से इस दौरे को बेहद महत्तवपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि, इस साल यहां विधानसभा के चुनाव नहीं है।
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दरअसल, शाह का जम्मू दौरा 30 सितंबर के लिए तय किया गया था लेकिन राज्य के हालात देखते हुए बीते 27 सितंबर को इसे 30 तारिख के लिए रद्द कर 3 तारिख तय कर दिया गया। घाटी में मंत्री के दौरे के पांच दिन पहले आंतकी हमले हुए थे। इससे पहले भी अमित शाह की सुरक्षा में चुक पाई गई थी। जिसके बाद सरकार शाह की सुरक्षा को लेकर ज्यादा सख्त हो गया है। वहीं, वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि अमित शाह के पहुंचने से पहले ही जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। बता दें कि अमित शाह हैदराबाद दौरे के दौरान उनके काफिले के आगे TRS के एक नेता ने अपनी कार को आगे लगा दिया था। जिसके बाद गृह मंत्री के काफिला वहीं रुक गया। हालांकि, सुरक्षाकर्मियों ने इसे तुरंत हटवा दिया था। केवल इतना ही नहीं 4 और 5 सितंबर को महाराष्ट्र दौरे पर थे। जहां उनकी सुरक्षा में चुक पाई गई थी।
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जब अमित शाह साल 2019 में गृह मंत्री बने थे। तब केंद्र की तरफ से Z+ स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स दी गई थी। जिसका नाम जेड प्लस सिक्योरिटी था। जिसके तहत गृहमंत्री के आसपास हमेशा 25 से 30 कमांडो उनकी सुरक्षा में मौजूद रहते हैं। केवल इतना ही नहीं उन्हें Z+ स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स सुरक्षा के साथ ही बैलिस्टिक फील्ड कवर किया गया था, जोकि बुलेट प्रूफ सेंड है। इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद 13 दिन के भीतर दो बार सुरक्षा में चूक पाना प्रशासन की कमी को दर्शाता है।