चंडीगढ़, डेस्क रिपोर्ट। हरियाणा सरकार ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्राध्यापकों को लेकर बड़ा फैसला किया है। राज्य सरकार ने प्राध्यापकों की नियुक्ति और पदोन्नति के नियमों में बदलाव किया है। इसके तहत अब एमफिल और Phd होने पर मिलने वाले 7 इंक्रीमेंट के स्थान पर हर पद पर पदोन्नति से पहले साक्षात्कार लिया जाएगा।
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इसमें सबसे अहम बात ये है कि कॉलेजों के वो प्राध्यापक ही विश्वविद्यालयों में सीधे प्रोफेसर पद के लिए आवेदन कर सकेंगे, जिनके पास विद्यार्थियों के मार्गदर्शन का अनुभव होगा। असिस्टेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर के लिए PHD की अनिवार्यता रहेगी।उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने इस संबंध में 11 नवंबर को अधिसूचना जारी कर दी है। वही अधिसूचना के जारी होते ही विरोध शुरू हो गया है।
विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के प्राध्यापक ने यूजीसी अधिनियम-2018 के आधार पर नए सिरे से अधिसूचना जारी करने की मांग की है।उनका कहना है कि यूजीसी ने प्रोफेसर की सेवानिवृत्ति आयु 65 साल करने का प्रावधान किया है लेकिन प्रदेश सरकार ने इसे 58 वर्ष ही रखा है, ऐसे में 58 साल के बाद 65 वर्ष तक सेवानिवृत्त प्राध्यापकों, प्रिंसिपल या प्रोफेसर को पुनर्नियुक्ति दी जाएगी।