शिक्षकों-कर्मियों के लिए महत्वपूर्ण खबर, अक्टूबर से बदल जाएंगे नियम, इस तरह होगा वेतन का भुगतान

राज्य में 71 863 प्रारंभिक और 9360 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय है, जब इन विद्यालयों में शत-प्रतिशत ऑनलाइन उपस्थिति लगेगी तब छात्र-छात्राओं की उपस्थिति ली जाएगी। यह व्यवस्था दिसंबर से लागू करने की तैयारी है।

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Bihar Employees Teacher Salary: बिहार के शिक्षा विभाग के शिक्षकों और कर्मियों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। 81,223 सरकारी स्कूलों में कार्यरत करीब 5.50 लाख हेडमास्टर और शिक्षकों का वेतन अब उनकी ऑनलाइन उपस्थिति (मोबाइल ऐप के जरिए) के आधार पर भुगतान किया जाएगा। यह व्यवस्था 1 अक्टूबर 2024 से शुरू होगी।

दरअसल, 25 जून से सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों और कर्मियों के लिए ऑनलाइन उपस्थिति लागू है, पांच लाख 52 हजार 570 में से अबतक चार लाख 78 हजार शिक्षक प्रतिदिन ऑनलाइन उपस्थिति बना रहे हैं. लेकिन अब भी 8 प्रतिशत मोबाईल एप से हाजिरी नहीं बना रहे है।सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए है कि शत-प्रतिशत शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति बनाना सुनिश्चित कराएं। राज्य में 71 863 प्रारंभिक और 9360 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय है, जब इन विद्यालयों में शत-प्रतिशत ऑनलाइन उपस्थिति लगेगी तब छात्र-छात्राओं की उपस्थिति ली जाएगी। यह व्यवस्था दिसंबर से लागू करने की तैयारी है।

इस तरह होगा वेतन का भुगतान

  • शिक्षा विभाग के आदेश के तहत सरकारी स्कूलों के सभी प्रधानाध्यापक और अध्यापक अनिवार्य तौर पर ई शिक्षाकोष एप पर प्रतिदिन हाजिरी लगायेंगे और आंकड़ा पोर्टल पर दर्ज होगा या सभी प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक भौतिक रूप से उपस्थिति रजिस्टर में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं।
  • प्रत्येक माह संबंधित प्रखंडों के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी दर्ज उपस्थिति के आधार पर अनुपस्थित शिक्षकों की निगेटिव सूची तैयार कर जिले के DPO स्थापना को देंगे और फिर वेतन भुगतान किया जायेगा।
  • अगर कोई शिक्षक अनुपस्थित होता है तो उस तिथि की अनुपस्थिति को आकस्मिक एवं अन्य अनुमान्य अवकाश में शामिल किया जायेगा। इन दोनों अवकाश के न होने पर उस तिथि को लीव विदाउट पे घोषित किया जायेगा।
  • किसी तकनीकी दिक्कत की वजह से अगर उपस्थिति दर्ज करने में दिक्कत आती है तो ऐसी स्थिति में उपस्थित रजिस्टर के आधार पर वेतन भुगतान किया जायेगा

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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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