कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, अब मिलेगा विशेष अवकाश का लाभ, ये रहेंगे नियम

यदि कोई कर्मचारी सुबह 10:30 बजे के बाद कार्यस्थल पर पहुंचता है या बिना वैध आधिकारिक कारणों के शाम 4:30 बजे से पहले कार्यालय से चला जाता है तो उसका आधा दिन का आकस्मिक अवकाश माना जाएगा।

Pooja Khodani
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Employees Holiday: सिक्किम के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। राज्य सरकार ने कर्मचारियों के लिए हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को अवकाश घोषित किया है। इसके तहत सरकार ने कर्मचारियों से सुबह 10 बजे से 4:30 बजे तक की कार्य अवधि का सख्ती से पालन करने को कहा है। इस संबंध में कार्मिक विभाग की ओर से आदेश भी जारी कर दिया गया है।

अब मिलेगा 2 अवकाश का लाभ

परिपत्र में कहा गया है कि सभी सरकारी कर्मचारियों को सुबह 10 बजे तक कार्यालय पहुंच जाना चाहिए और शाम 4:30 बजे तक अपने-अपने कार्यालयों में मौजूद रहना चाहिए। यदि कोई कर्मचारी सुबह 10:30 बजे के बाद कार्यस्थल पर पहुंचता है या बिना वैध आधिकारिक कारणों के शाम 4:30 बजे से पहले कार्यालय से चला जाता है तो उसका आधा दिन का आकस्मिक अवकाश माना जाएगा। परिपत्र में विभागीय प्रमुखों को कर्मचारियों की उपस्थिति की आकस्मिक जांच करने को भी कहा गया है।

इन्हें मिलेगा मातृत्व अवकाश लाभ 

हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने उन महिला सरकारी कर्मचारियों को अपने पूरे सेवाकाल के दौरान अधिकतम 730 दिनों की शिशु देखभाल अवकाश प्रदान करने का भी निर्णय लिया, जिनके बच्चे को न्यूनतम 40 प्रतिशत दिव्यांगता हो।

नवंबर में मिलेगा 2 विशेष छुट्टी का लाभ

  • असम कर्मचारियों को भी हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने अवकाश का तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने नवंबर (छह से आठ नवंबर)  में अपने कर्मचारियों को दो विशेष छुट्टियां देने की घोषणा की, ताकी कर्मचारी अपने माता-पिता और घरवालों के साथ समय बिता सके।इन छुट्टियों का इस्तेमाल कर्मचारी अपने निजी कार्यों के लिए नहीं कर सकते हैं।
  • आदेश में कहा गया है कि छुट्टियों का इस्तेमाल केवल माता-पिता की देखभाल, उनका सम्मान करने और उनके साथ समय बिताने के लिए किया जाना चाहिए।इसके अलावा 9 तारीख शनिवार और 10 तारीख रविवार है। इस दिन दफ्तर बंद ही रहता है। जिनके माता-पिता या सास-ससुर नहीं वे इन छुट्टियों का आनंद नहीं उठा पाएंगे।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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