नए साल से पहले पेंशनर्स को बड़ी राहत, पेंशन में मिलेगा बड़ा लाभ

Pooja Khodani
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने पेंशनर्स को बड़ी राहत दी है।केंद्र सरकार ने जीवनसाथी पेंशन (Spouse Pension) के नियमों में कुछ ढील दी है।इसके तहत अब जीवनसाथी पेंशन के लिए ज्वाइंट बैंक अकाउंट (Joint Bank Account) जरूरी नहीं है।इस फैसले से देश के लाखों पेंशनर्स को फायदा मिलेगा और उन्हें पेंशन को लेकर कोई परेशानी नहीं होगी।

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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि अगर कार्यालय प्रमुख इस बात से संतुष्ट है कि सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी के लिए अपने पति या पत्नि के साथ ज्वाइंट खाता खोलना संभव नहीं है तो उन्हें इस नियम में छूट दी जा सकती है। केंद्र सरकार की पेंशन का वितरण करने वाली एंजेंसी-बैंकों को ये सूचना जारी कर दी गई है कि अगर पति या पत्नी परिवार पेंशन के क्रेडिट के लिए वर्तमान संयुक्त बैंक खाते का विकल्प चुनते हैं, तो बैंको द्वारा उन पर नया खाता खोलने के लिए दवाब नहीं बनाया जा सकता ।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार ने पेंशन देने वाले सभी बैंकों को सलाह दी है कि अगर पति या पत्नी (पारिवारिक पेंशनभोगी) परिवार पेंशन पाने के लिए मौजूदा संयुक्त बैंक खाते का विकल्प चुनते हैं, तो बैंकों को नया खाता खोलने पर जोर नहीं देना चाहिए।कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि हालांकि पति या पत्नी के साथ एक संयुक्त बैंक खाता होना वांछनीय है।इन खातों का संचालन पेंशनभोगी की इच्छा के अनुसार ‘‘भूतपूर्व या उत्तरजीवी’’ या ‘‘दोनों में से कोई एक या उत्तरजीवी’’ के आधार पर होगा।

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पेंशन पेमेंट ऑर्डर (PPO) में स्पाउस के साथ फैमिली पेंशन के लिए ज्वाइंट अकाउंट का होना जरूरी है। यह अकाउंट “former or survivor” और “either or survivor” कैटिगरी में होता है।इस खाते में यह फायदा है कि अगर किसी केस में पेंशनर की मौत हो जाती है तो स्पाउस को पेंशन मिलने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है, वो बिना किसी अड़चन के इसका लाभ ले सकता है।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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