सरकार ने वापस लिया ब्रॉडकास्टिंग बिल 2024, यहां जानिए इसके पीछे क्या है कारण, जानें बिल के मुख्य प्रावधान

डिजिटल क्रिएटर्स और ब्रॉडकास्टर्स द्वारा बिल के विभिन्न प्रावधानों पर उठाई गई चिंताओं के बाद अब केंद्र सरकार ने ब्रॉडकास्टिंग बिल 2024 को वापस लेने का फैसला किया है।

Rishabh Namdev
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मोदी सरकार ने ब्रॉडकास्टिंग बिल 2024 को वापस लेने का फैसला किया है, जिससे यह मामला देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि इस बिल को अब सभी संबंधित पक्षों से व्यापक विचार-विमर्श और चर्चा के बाद दोबारा पेश किया जाएगा। जानकारी के अनुसार यह कदम डिजिटल क्रिएटर्स और ब्रॉडकास्टर्स द्वारा बिल के विभिन्न प्रावधानों पर उठाई गई चिंताओं के बाद उठाया गया है।

विचार-विमर्श और चर्चा के बाद ही इसे दोबारा पेश किया जाएगा

दरअसल ब्रॉडकास्टिंग बिल 2024 को वापस लेने का निर्णय केंद्र सरकार ने व्यापक प्रतिक्रिया और विभिन्न समूहों के विरोध को देखते हुए लिया है। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि अब इस बिल पर सभी संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श और चर्चा के बाद ही इसे दोबारा पेश किया जाएगा। वहीं सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इस संबंध में एक बयान जारी किया, जिसमें बताया गया कि 10 नवंबर 2023 को बिल का मसौदा तैयार कर सार्वजनिक किया गया था। इसके बाद, जनता और इससे प्रभावित होने वाले समूहों से उनकी राय ली गई थी।

अंतिम तारीख 15 अक्टूबर 2024 निर्धारित की गई

वहीं मंत्रालय ने जानकारी दी है कि इस बिल पर मिले सुझावों और टिप्पणियों को गंभीरता से लिया जाएगा। सभी संबंधित पक्षों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद ही इस बिल को फिर से संसद में पेश किया जाएगा। नया मसौदा तैयार करने की अंतिम तारीख 15 अक्टूबर 2024 निर्धारित की गई है। इस बीच, बिल के प्रावधानों पर विस्तृत चर्चा और पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा, ताकि सभी पक्षों के हितों को समुचित रूप से ध्यान में रखा जा सके।

दरअसल ब्रॉडकास्टिंग बिल 2024 का मसौदा पिछले साल नवंबर में तैयार किया गया था। सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने इसे सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए जारी किया, और 15 जनवरी 2024 तक सुझाव मांगे गए थे। इस मानसून सत्र में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे संसद में पेश किया, लेकिन कुछ प्रावधानों पर डिजिटल क्रिएटर्स, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स, और अन्य प्रसारकों ने आपत्ति जताई थी।

बता दें कि बिल का उद्देश्य डिजिटल और ओटीटी प्लेटफार्म्स जैसे YouTube, X (Twitter), Facebook, Instagram, Netflix, Prime Video पर प्रसारित होने वाले कंटेंट को नियंत्रित करना था। इस बिल में डिजिटल प्लेटफार्म्स पर प्रसारित होने वाले समाचार और अन्य कंटेंट को अधिक पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ नियंत्रित करने के प्रावधान थे।

जानिए क्या थे मुख्य प्रावधान?

डिजिटल न्यूज ब्रॉडकास्टर्स: बिल के अनुसार, डिजिटल प्लेटफार्म्स पर समाचार प्रसारित करने वाले ब्रॉडकास्टर्स को ‘डिजिटल न्यूज ब्रॉडकास्टर’ के रूप में पहचाना जाएगा। यह प्रावधान डिजिटल न्यूज़ के प्रसारण को विनियमित करने के लिए किया गया था।

ब्रॉडकास्टिंग ऑथिरिटी ऑफ इंडिया (BAI): डिजिटल ब्रॉडकास्टर्स के लिए एक नई रेगुलेटरी बॉडी ‘ब्रॉडकास्टिंग ऑथिरिटी ऑफ इंडिया’ (BAI) के गठन का प्रावधान था। यह संस्था डिजिटल प्लेटफार्म्स के कंटेंट की निगरानी और विनियमन का कार्य करेगी।

सेल्फ रेगुलेशन सिस्टम: बिल में एक टू-टियर सिस्टम के तहत सेल्फ रेगुलेशन का प्रावधान था। इसका उद्देश्य डिजिटल प्लेटफार्म्स को खुद से ही अपने कंटेंट की निगरानी और विनियमन के लिए जिम्मेदार बनाना था।

कंटेंट इवैल्यूएशन कमिटी: डिजिटल प्लेटफार्म्स पर प्रसारित होने वाले कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए एक कंटेंट इवैल्यूएशन कमिटी बनाने का प्रावधान था, जो कंटेंट को कंप्लायंस सर्टिफिकेट प्रदान करेगी।

ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम: डिजिटल प्लेटफार्म्स पर प्रसारित होने वाले कंटेंट प्रोवाइडर्स और दर्शकों के बीच एक पारदर्शी और प्रभावी ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम तैयार करने का भी प्रावधान था, जिससे विवादों को सुलझाया जा सके।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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