सरकार का नया फरमान, कर्मचारियों को ऑफिस आना है तो मानना होगा ये नियम

Atul Saxena
Published on -

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना की संभावित तीसरी लहर(Corona Third Wave) को देखते हुए और एक बार फिर संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच दिल्ली सरकार ने अपने कर्मचारियों (Delhi Government Eployee) के लिए नया फरमान जारी किया हैं।  दिल्ली सरकार ने No Vaccine -No Entry पॉलिसी लागू कर दी है। सरकार के नए आदेश से ऐसे कर्मचारियों की परेशानी बढ़ गई है जिन्होंने वैक्सीन (Corona Vaccine) का एक भी डोज नहीं लगवाया है।

दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार राज्य के सभी कर्मचारियों  कोरोना वैक्सीन डोज लगवाना चाहती है। अभी भी बहुत से कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने वैक्सीन का एक भी डोज नहीं लिया है। वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाना भी इसका एक मकसद हो सकता है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी इस आदेश में कमर्चारियों को 15 अक्टूबर तक वैक्सीन लगवाने के लिए आखिरी मोहलत दी गई है। यदि इसके बाद भी कोई कर्मचारी वैक्सीन नहीं लगवाता तो उसको ऑफिस में एंट्री नहीं मिलेगी।

ये भी पढ़ें – त्यौहारों से पहले 23 लाख पेंशनभोगियों को बड़ी राहत, पेंशन पेमेंट में मिलेगा लाभ

16 अक्टूबर से ऑफिस में लगेगी छुट्टी 

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष और दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव की ओर जारी इस आदेश में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि यदि कोई कर्मचारी 15 अक्टूबर तक वैक्सीन नहीं लगवाता है तो 16 अक्टूबर से उसे ऑफिस में प्रवेश नहीं मिलेगा और उसके नाम के आगे अनुपस्थित लिखा जाएगा।

ये भी पढ़ें – Gold Silver Rate : चांदी की कीमत में तेजी, नहीं बदले सोने के भाव, ये है आज का रेट

पहले शिक्षकों तक सीमित था आदेश

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने पहले ये आदेश शिक्षकों को 30 सितम्बर तक कोरोना वैक्सीन का डोज लेना अनिवार्य किया था लेकिन अब कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने के उद्देश्य से सरकार ने इसे सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य कर दिया है।

ये भी पढ़ें – Government Job Alert : इन पदों पर निकली है भर्ती, 2 लाख तक सैलरी, जल्द करें एप्लाई


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News