नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। कई साल हो चुके है GST लागू हुए और महंगाई भी बढ़ चुकी है। GST कॉउंसिल की हाल है बैठक में लिए गए कुछ फैसले महंगाई की मार को और तेज कर सकते हैं क्योंकि GST Council दही, लस्सी, छाछ समेत खाने पीने की चीजों पर भी जीएसटी की मिल रही छूट को समाप्त करने की सिफारिश कर रही है। अगर ऐसा होता है तो पैकेट वाले ब्रांडेड मिल्क प्रोडक्ट महंगे हो जाएंगे। इसके कारण लोगों की जेब पर ज्यादा असर पड़ेगा। इसके अलावा अगर यह फैसला आता है तो कंपनियों के शेयरों में उछाल भी देखने को मिलेगा।
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दही और लस्सी पर 5 फ़ीसदी की दर से जीएसटी लगाने का अनुमान है इन खाद्य पदार्थों पर अभी तक कोई भी जीएसटी नहीं लगती है। यदि इन पर जीएसटी लगाई जाएगी तो दूध खरीदने की लागत बढ़ेगी। जिसके कारण नया टैक्स डेरी कंपनियों पर लगेगा इससे उन पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इस बोझ को कम करने के लिए कंपनियां अपने प्रोडक्ट पर दाम बढ़ाएंगे। साथ ही ग्राहकों को पहले की तुलना में ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा।
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वर्तमान समय की बात करें तो ज्यादातर डेरी कंपनियों के लिए दही छाछ एक अहम उत्पाद है। डेरी कंपनियों की कमाई में दही और लस्सी का 25 फ़ीसदी तक का हिस्सा है। आइसक्रीम, चीज और पनीर जैसे डेरी प्रोडक्ट को जीएसटी के दायरे में लाया जा चुका है, लेकिन अब दही और लस्सी पर यदि जीएसटी लाया जाएगा तो पैकेट वाले दूध को भी जीएसटी में किया जाएगा फिलहाल वह भी अभी जीएसटी के बाहर है।
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अगर डेरी प्रोडक्ट पर जीएसटी लगाया जाता है। तो कंपनियों को कुछ खास असर नहीं होगा, लेकिन इसके फैसले से जो कंजूमर है। उनके ऊपर बहुत ज्यादा ही असर होगा क्योंकि जीएसटी के कारण उन्हें फायदा ही होगा उन्हें क्रेडिट इनपुट भी मिल जाएंगे साथ ही वह पैकेट के दाम बढ़ाकर ज्यादा पैसा भी कमा लेंगे।