दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। काशी को पुराणों में भगवान शिव की नगरी कहा गया है | वहीँ मथुरा को श्री कृष्ण की जन्मस्थली बताया गया है। फिलहाल देश में इन दोनों स्थानों पर हिन्दू-मुस्लिम विवाद गहराता जा रहा है। काशी में ज्ञानवापी मस्जिद की वीडियोग्राफी करवाने के दौरान वजूखाने से कथित तौर पर शिवलिंग मिला है, जिसे मुस्लिम पक्ष फव्वारा बता रहा है। वहीँ मथुरा में स्थित शाही ईदगाह मस्जिद की वीडियोग्राफी करवाने के लिए भी याचिका दर्ज की गई है।
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ज्ञानवापी मस्जिद में कथित शिवलिंग मिलने के बाद, हिंदू पक्ष ने सिविल कोर्ट में याचिका दायर करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद हिंदुओं को सौंपने और पूजा करने की मांग की थी। आज इसपर वाराणसी के सिविल कोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिका को फास्ट ट्रैक कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया है। अब इस पर सुनवाई 30 मई को होगी। याचिका में मांग उठाई गईं थी, कि-
• ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों को प्रवेश न दिया जाए
• परिसर हिंदुओं को सौंप दिया जाए
• परिसर से प्राप्त हुए शिवलिंग की पूजा करने की अनुमति दी जाए
• मस्जिद के गुम्बद को हटाया जाए
वाराणसी जिला कोर्ट में चल रहे ज्ञानवापी के दूसरे मामले में 26 मई को सुनवाई होगी।
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वहीँ मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मामले में आज यानी 25 मई को जिला कोर्ट में सुनवाई होगी, जहां सीपीसी के सेक्शन 92 को आधार मानते हुए, याचिका दायर करने वाले वकीलों और लॉ स्टूडेंट्स ने दावा पेश किया है। वहीं हिंदू पक्षकार मनीष यादव ने शाही ईदगाह में एएसआई सर्वे कराने के लिए सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में शाही ईदगाह को गर्भगृह का मुख्य स्थान बताते हुए शाही ईदगाह की वीडियोग्राफी कराने की भी मांग की गई है, साथ ही विवादित स्थल पर कैमरे लगाए जाने की बात भी रखी गई है|