प्रयागराज, डेस्क रिपोर्ट। उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ग्रेच्युटी मामले में एक और बड़ा फैसला सुनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को मृतक अध्यापकों के आश्रितों को 2 दिन में ग्रेच्युटी भुगतान करने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर 48 घंटे में भुगतान नहीं होता तो 18 फीसदी की ब्याज की दर से आश्रितों को भुगतान करना होगा और यह ब्याज BCA और वित्त एवं लेखाधिकारी के वेतन से वसूल किया जाएगा।
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दरअसल, यह अहम आदेश जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने मनोरमा मिश्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याची के अधिवक्ता की ओर से तर्क दिया गया था कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद आश्रितों को ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने उषा रानी केस के आधार पर भुगतान करने का आदेश दिया था और 29 अप्रैल 2022 को आदेश पारित किया था।
इस पर हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अंतिम मौका देते हुए 48 घंटे में आदेश का अनुपालन कराने का आदेश दिया है।साथ ही कहा है कि शिक्षा विभाग के सचिव के जरिए उसके आदेश की कॉपी प्रदेश के सभी बीएसए सहित शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अफसरों को भेज दी जाए, जिससे कि कोर्ट के आदेश का पालन 48 घंटें में कराया जा सके। अगर आदेश का अनुपालन नहीं होता है तो उसे कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी।