हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, शिक्षक को दी बड़ी राहत,1996 से बढ़े हुए पे स्केल देने का आदेश

Pooja Khodani
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शिमला, डेस्क रिपोर्ट। हिमाचल हाई कोर्ट ने एक स्कूल के कर्मचारी के पे स्केल से जुड़े एक मामले पर अहम फैसला सुनाया है। हिमाचल हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को 8 सप्ताह में शास्त्री शिक्षक को वर्ष 1996 से बढ़े हुए पे स्केल देने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने पहले शास्त्री शिक्षक को 5480-8925 रुपये का पे स्केल दिए जाने का हकदार माना है। याचिकाकर्ता को बढ़े हुए पे स्केल का लाभ न दिया जाना संविधान के विपरीत है।

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हिमाचल प्रदेश के पुरषोत्तम दत्त 1998 में शास्त्री शिक्षक के पद पर पदस्थ हुए थे। वर्ष 1990 से 1998 तक वे शिक्षा विभाग में जेबीटी के पद पर कार्यरत थे।हाईकोर्ट के आदेशानुसार सभी शास्त्री शिक्षकों को एक जनवरी 1996 से 5480-8925 रुपये का पे स्केल दिया गया जबकि याचिकाकर्ता को बढ़े हुए पे स्केल का लाभ नहीं दिया गया। वर्ष 2012 में याचिकाकर्ता को बढ़ा हुआ पे स्केल दिया गया, लेकिन 2014 में फिर से पुराना पे स्केल ही दिया गया।

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इतना ही नहीं विभाग ने याचिकाकर्ता से बढ़े हुए पे स्केल की एवज में अदा किए गए अतिरिक्त वेतन की वसूली भी कर ली। इसको लेकर याची ने हाई कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई थी। इसके बाद मामले पर हाई कोर्ट न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने सुनवाई करते हुए हिमाचल शिक्षा विभाग को 8 सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता से वसूली गई राशि को वापस करने और वर्ष 1996 से बढ़ा हुआ पे स्केल देने के आदेश दिए हैं।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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