Train Accident : क्या आप भी हुए है ओडिशा रेल हादसे का शिकार? ऐसे अपना मुआवजा कर सकते हैं क्लेम

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Train Accident : ओडिशा जिले के बालासोर में शुक्रवार की शाम को एक भीषण रेल हादसा हुआ है।। यहां तीन ट्रेन आपस में टकरा गई और मौके पर हाहाकार मच गया। जानकारी के मुताबिक बाहनगा बाजार में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए और शालीमार चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कोरोमंडल के डिब्बे भी पलट गए। पलटे हुए डब्बे एक मालगाड़ी से टकराए जिससे मालगाड़ी भी इस हादसे की चपेट में आ गई। इस हादसे में करीब 300 लोगों की जान चली गई।

वहीं कई लोग घायल हुए है। सभी का उपचार चल रहा है। आपको बता दे, किसी भी रेल हादसे के बाद केंद्रीय रेल मंत्रालय मुआवजे का ऐलान करती है। इस हादसे के बाद भी मुआवजे का ऐलान किया गया। अगर आप भी इस हादसे का शिकार हुए है या आपके परिवार में से कोई हादसे का शिकार हुआ है तो आज हम आपको मिलने वाले मुआवजे की पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। आप अपना मुआवजे क्लेम कैसे कर सकते हैं चलिए जानते हैं उसके बारे में सब कुछ –

हम सभी जानते हैं कि मुआवजे से कभी भी इस तरह के नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती है लेकिन इसकी मदद से जिसकी जान गई है उसके परिवार वालों को थोड़ी हिम्मत और मदद दोनों मिल जाती है।

Train Accident : इतना मिलेगा मुआवजा

रेल मंत्रालय ने मुआवजे की घोषणा करते हुए बताया है कि मृतकों को रेलवे की तरफ से 10-10 लाख रुपये दिए जाएंगे। वहीं जो गंभीर रूप से घायल हुए है उन सभी को 2-2 लाख रुपये और आंशिक रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपयों दिए जाएंगे। ये घोषणा रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा की गई है। बड़ी बात ये है कि प्रधानमंत्री राहत कोष और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री राहत कोष से भी मुआवजा यात्रियों को दिया जाएगा।

ऐसे कर सकते हैं मुआवजे के लिए आवेदन

अगर आप हादसे का शिकार हुए है और घायल होने पर इलाज करवा रहे हैं तो इलाज के सभी खर्चों, प्रेसक्रिप्शन और दवाईयों के बिल को संभाल कर रखें। इन सभी कागजों के साथ जीआरपी थाना आपको जाना होगा। वहां आपको शिकायत दर्ज करवाना होगी। उसके बाद किसी वकील के माध्यम से मुआवजे के लिए आवेदन करना होगा। अगर इससे मुआवजा नहीं मिल पा रहा है तो आपको रेलवे ट्रिब्यूनल में इसके लिए क्लेम करना होगा। वहीं अगर परिजन की मौत हुई है तो इसकी भी जीआरपी थाना में शिकायत दर्ज करवाए। उसके बाद रेलवे प्रशासन या फिर रेलवे ट्रिब्यूनल के पास आवेदन करें।

 


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Ayushi Jain

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