इस पेंशन योजना में बिना कुछ खर्च किये हर महीने खाते में आएंगे रुपये, ऐसे ले सकते हैं लाभ

Atul Saxena
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Pension Scheme : पिछले कुछ दिनों से पुराणी पेंशन योजना की बहाली को लेकर कई राज्यों के कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं, छत्तीसगढ़, राजस्थान सहित कुछ राज्य सरकारों ने अपने यहाँ पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया है लेकिन हम यहाँ आपको पुरानी पेंशन योजना के बारे में नहीं उत्तर प्रदेश सरकार की एक पेंशन योजना की जानकारी दे रहे हैं जिसमें बिना एक रुपये खर्च किये हर महीने खाते में एक हजार रुपये जमा होंगे।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश के वृद्ध जनों को हर महीने एक हजार रुपये पेंशन योजना के नाम पर दे रही है, खास बात ये है इस योजना का लाभ लेने वाले वृद्ध को एक रुपये का इन्वेस्टमेंट नहीं करना होता है, बस उसे सरकार द्वारा वृद्धा पेंशन योजना (UP old age pension scheme) के लिए बनाये गए नियमों के तहत पात्र होना होगा।

कौन ले सकता है इस योजना का लाभ 

उत्तर प्रदेश सरकार की वृद्धा पेंशन योजना में 60 साल और उससे अधिक उम्र के वृद्ध जनों को पेंशन दी जाती है, नियम के तहत में शहर में रहने वाला ऐसा व्यक्ति जिसके परिवार की वार्षिक आय 56,460/- रुपये और ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाला ऐसा व्यक्ति जिसके परिवार की वार्षिक आय 46,080/- रुपये से कम है तो वो इस योजना का लाभ ले सकता है ।

कितनी मिलती है पेंशन 

इस पेंशन योजना के तहत 60 साल से 79 साल के पात्र व्यक्ति को 1000/- रुपये महीना पेंशन मिलती है इसमें उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से 800/- रुपये और केंद्र सरकार की तरफ से 200/- रुपये दिए जाते हैं वहीं 80 साल से अधिक आयु वर्ग के व्यक्ति को भी 1000/ रुपये महीना पेंशन दी जाती है लेकिन इसमें उत्तर प्रदेश सरकार का शेयर 500/- रुपये और  केंद्र सरकार की तरफ से 500/- रुपये की राशि दी जाती है।

इस तरह कर सकते हैं आवेदन 

यदि प्रदेश का निवासी कोई बुजुर्ग व्यक्ति इस पेंशन योजना का लाभ लेना चाहता है तो उसे इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदक को SSVI.UP.GOV. IN पर जाकर फॉर्म को भरना होगा। यहाँ मांगे गए जरूरी दस्तावेज और बैंक डिटेल देनी होगी, फॉर्म की जांच के बाद नियमों को पूरा करने वाले वृद्ध व्यक्ति की पेंशन शुरू हो जाती है ।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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