इस स्कूल में फीस की बजाय बच्चों से ली जाती हैं प्लास्टिक की बोतलें, कारण जानकर रह जाएंगे दंग

school holiday

Plastic bottles instead of school fees : महंगी फीस..ये एक ऐसा मुद्दा है जिससे ज्यादातर अभिभावक परेशान हैं। आज के समय में शिक्षा एक व्यवसाय में तब्दील हो चुकी है। अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना, अच्छे स्कूल में पढ़ाना सब चाहते हैं लेकिन दिनोंदिन जिस तरह से निजी स्कूलों में फीस वृद्धि हो रही है उसने मध्यमवर्गीय आदमी को मुश्किल में डाल दिया है। कोई भी अपने बच्चे की शिक्षा के साथ समझौता नहीं करना चाहता, ऐसे में मोटी फीस भरना एक तरह की मजबूरी बन गई है।

एक अनोखा स्कूल

ऐसे में अगर हम आपको बताएं कि कहीं एक ऐसा स्कूल है जहां बच्चों से फीस के रूप में पैसे नहीं बल्कि प्लास्टिक की बोतलें ली जाती है, तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी। इस स्कूल के बारे में ट्विटर पर जानकारी शेयर की है नागालैंड के मंत्री तेमजेन इम्ना अलॉन्ग। ये असम के अक्षर फाउंडेशन  द्वारा संचालित किया जाने वाला एक स्कूल है। यहां बच्चे हर हफ्ते 25 प्लास्टिक की बोतल लाते हैं और उन्हें निशुल्क शिक्षा दी जाती है।

नई पीढ़ी को शिक्षा के साथ सही दिशा देने का काम

दरअसल, प्लास्टिक से पर्यावरण हो होने वाले नुकसान को रोकने और प्लास्टिक रीसाइकलिंग के लिए इस स्कूल ने ये अनूठी पहल की है। स्कूल की स्थापना साल 2016 में परमिता शर्मा और माज़िन मुख्तार ने मिलकर की। निरक्षरता और प्लास्टिक वेस्ट..इन दो समस्याओं का उन्होने इतना बेहतरीन हल निकाला। असम के ये स्कूल एक तरफ को विद्यार्थियों को मुफ्त शिक्षा दे रहा है वहीं दूसरी तरफ प्लास्टिक रीसाइक्लिंग के जरिए पर्यावरण को बेहतर बनाने में भी सहयोग कर रहा है। यहां बच्चे जो प्लास्टिक की बोटलें लेकर आते हैं। इस प्लास्टिक का उपयोग ईंट, सड़कें और शौचालय बनाने के लिए भी किया जाता है। इतना ही नहीं, सीनियर छात्र यहां छोटे बच्चों को पढ़ाते हैं और इस तरह वो पैसे भी कमाते हैं। यहां स्कूली शिक्षा के साथ अन्य भाषाएं, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग, बागवानी, बढ़ई के काम सहित और भी कई चीजं सिखाई जाती हैं। खास बात ये कि इस स्कूल में ड्रॉप रेट भी जीरो परसेंट हैं। ये स्कूल एक आदर्श है और जाहिर तौर पर यहां से पढ़कर जो बच्चे निकलेंगे वो भी समाज को एक नई सोच और दिशा देने का काम करेंगे।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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