Indian Railways : यात्रियों को मिलेगा ताजा और स्वादिष्ट खाना, IRCTC इन 6 शहरों में खोलेगी बेस किचन

Atul Saxena
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IRCTC Update : जो लोग ट्रेन से यात्रा करते हैं उनके लिए ये खबर अच्छी खबर है, उन्हें अब ट्रेन में मिलने वाले खाने को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि Indian Railways और IRCTC ने यात्रियों को स्वादिष्ट और ताजा खाना देने के लिए एक बेहतर प्लानिंग की है, रेलवे ने तय किया है कि उत्तर प्रदेश के 6 शहरों में IRCTC का बेस किचन बनाया जायेगा।

जानकारी के अनुसार आईआरसीटीसी ने उत्तर प्रदेश के 6 शहरों में बेस किचन खोले जाने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है जल्दी ही ये स्थापित हो जायेंगे और फिर इन शहरों से गुजरने वाली ट्रेनों के यात्रियों को स्वादिष्ट और ताजा खाना मिलेगा यानि उन्हें ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर तीनों समय ताजा फ़ूड ही मिलेगा।

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बेस किचन खोले जाने की जरुरत क्यों?

सभी जानते हैं कि बहुत से ट्रेनों में पेंट्री कार होती है और बहुत सी ट्रेनों में नहीं होती, पहले जहाँ पेंट्री कार में खाना बनाया जाता था लेकिन जब से ट्रेनों का आधुनिकीकरण हुआ है और कोच LHB में कन्वर्ट हो गए हैं तब से खाना बनाने की सुविधा खत्म हो गई है, पेंट्री कार में केवल हॉट प्लेट यानि इन्डक्शन प्लेट लगी होती हैं जहाँ खाना गर्म होता है ये बनकर कहीं और से आता है। इसलिए यात्रियों को समय समय पर गर्म और ताजा खाना मिल सके इसलिए बेक किचन बनाये जा रहे हैं।

यात्रियों को मिलेगी पूर्ण संतुष्टि

रेलवे अधिकारियों की माने तो बेस किचन बन जाने से यात्रियों को हर समय ताजा खाना मिलेगा जैसे यदि ट्रेन नाश्ते के समय रवाना हो रही है तो ताजा नाश्ता, ऐसे ही लंच या डिनर के समय रवाना हो रही है तो यात्री को गर्म और ताजा भोजन मिलेगा जिससे उसे स्वाद के साथ क्वालिटी की संतुष्टि भी मिलेगी।

यूपी के इन शहरों में खुलेगा बेस किचन

आईआरसीटीसी के सीआरएम अजीत सिन्हा के मुताबिक बेस किचन उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, आगरा, कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद और वाराणसी रेलवे स्टेशनों पर खोले जायेंगे, उधर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह के मुताबिक गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर जो रिफ्रेशमेंट रूम है उसे बेस किचन बनाया जायेगा इसी तरह अन्य स्टेशनों पर भी जगह की व्यवस्था की जाएगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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