Thu, Dec 25, 2025

भारत का ऐसा रेलवे स्टेशन, जहां ट्रेन की यात्रा के लिए भी पड़ती थी वीजा-पासपोर्ट की जरूरत!

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
भारत में एक ऐसा रेलवे स्टेशन भी स्थित है, जहां यात्रियों को सफर करने के लिए वीजा की जरूरत पड़ती है। अमूमन ट्रेन में बैठने के लिए यात्रियों को टिकट लेना पड़ता है।
भारत का ऐसा रेलवे स्टेशन, जहां ट्रेन की यात्रा के लिए भी पड़ती थी वीजा-पासपोर्ट की जरूरत!

76 stations across the country, including Bhopal. West Central Railway’s Bhopal, Jabalpur, and Kota

Indian Railways : भारतीय रेलवे को विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क माना जाता है। यहां रोजाना 1300 से अधिक ट्रेनें संचालित की जाती है, जिससे लाखों यात्री सफर करते हैं। यह एक ऐसा माध्यम है, जिसमें लोग कम से कम खर्चे में भी अपने गंतव्य तक आसानी से पहुंच जाते हैं। रेलवे द्वारा अक्सर लोगों की सुविधा को देखते हुए स्पेशल ट्रेनों का भी संचालन किया जाता है, ताकि उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े।

अमूमन ट्रेन में बैठने के लिए यात्रियों को टिकट लेना पड़ता है, लेकिन आज हम आपको भारत के ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में बताएंगे, जहां पैसेंजर को यात्रा करने के लिए वीजा और पासपोर्ट की जरूरत पड़ती थी।

बिना वीजा के नहीं मिलती यात्रियों को एंट्री

जी हां! वैसे तो दूसरे देश जाने के लिए वीजा और पासपोर्ट की जरूरत पड़ती है, लेकिन भारत में एक ऐसा रेलवे स्टेशन भी स्थित है, जहां यात्रियों को सफर करने के लिए वीजा की जरूरत पड़ती है। यह सुनने में काफी अचंभित है, लेकिन सामान्य ज्ञान के लिहाज से इसका जवाब पता होना जरूरी है। कई बार ये प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।

अटारी रेलवे स्टेशन (Attari Railway Station)

दरअसल, यह रेलवे स्टेशन पंजाब के अमृतसर जिले में स्थित है। जिसका नाम अटारी रेलवे स्टेशन है, जहां एक समय यात्रा करने के लिए पाकिस्तानी वीजा की जरूरत पड़ती थी। यहां समझौता एक्सप्रेस का संचालन किया जाता था और अटारी भारत का आखिरी रेलवे स्टेशन भी है। यहां बिना पासपोर्ट और वीजा के यात्रियों को एंट्री नहीं मिलती थी। यदि इसके बिना कोई यात्री पहुंचे, तो उन पर कानूनी कार्रवाई भी की जाती थी।

हफ्ते में 2 बार होती थी संचालित

समझौता एक्सप्रेस भारत से पाकिस्तान और पाकिस्तान से भारत चलाई जाती थी, जो कि हफ्ते में दो बार सोमवार और गुरुवार को संचालित की जाती थी। इस दौरान यह ट्रेन लगभग 50.2 कस की दूरी तय करती थी। हालांकि, अब इस ट्रेन का संचालन बंद कर दिया गया है।