नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (The Indian Space Research Organisation) ने कहा कि रॉकेट सेंटर वीएसएससी (VSSC) ने मेडिकल ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर ‘श्वास’ (Shwaas) बनाया है, जो सांस की बीमारी वाले या ऑक्सीजन पर रहने वाले मरीजों को सपोर्ट करने के लिए हवा की तुलना में ऑक्सीजन (Oxygen) का एक समृद्ध स्तर (95 प्रतिशत से अधिक) प्रदान कर सकता है।
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यह मशीन प्रेशर स्विंग एडसॉर्प्शन (Pressure Swing Adsorption) के माध्यम से व्यापक वायु से नाइट्रोजन गैस (Nitrogen Gas) को चुनिंदा रूप से अलग करके ऑक्सीजन गैस (Oxygen Gas) की मात्रा को बढ़ाता है। ‘श्वास’ 10 लीटर प्रति मिनट (Litre Per Minute) पर लगातार एनरिचड ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में सक्षम है जो एक समय में दो मरीजों के लिए पर्याप्त है। इसरो (ISRO) ने कहा कि, 600 डब्ल्यू डिवाइस 220 वी/50 हर्ट्ज के वोल्टेज पर संचालित होता है, इसमें 0.5-10 एलपीएम का एक नियंत्रित ऑक्सीजन फ्लो होता है। इसमें दो ऑक्सीजन आउटलेट हैं, ऑक्सीजन की एकाग्रता 82 प्रतिशत और 95 प्रतिशत सामान्य 50-80 केपीए प्रेशर पर होती है।
‘शवास’ में कम शुद्धता, निम्न और उच्च स्तर के दबाव और ऑक्सीजन के फ्लो रेट के लिए एक ऑडिबल अलार्म (Audible Alarm) है। इस डिवाइस का वजन 42-44 किलोग्राम है, 600 मिमी ऊंचा, 500 मिमी लंबाई और 400 मिमी चौड़ाई है। इसमें एक एलसीडी डिस्प्ले है जो ऑक्सीजन एकाग्रता, फ्लो रेट और प्रेशर दिखाता है।