जयराम रमेश बोले, ये FIR राहुल गांधी नहीं अंबेडकर के खिलाफ है, सांसदों की चोट को बताया ड्रामा और साजिश

जयराम रमेश ने यहाँ तक कह दिया कि ये एफआईआर राहुल गांधी पर नहीं है ये एफआईआर कांग्रेस नेता या फिर एलओपी लोकसभा के खिलाफ नहीं है ये एफआईआर अंबेडकर के खिलाफ है, सामाजिक न्याय के खिलाफ है। 

Atul Saxena
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FIR against Rahul Gandhi : भारत की संसद में कल गुरुवार 19 दिसंबर 2024 को जो घटनाक्रम हुआ वो संसदीय इतिहास में कभी नहीं हुआ, प्रदर्शन के दौरान हुई  मकर द्वार पर प्रवेश के दौरान हुई धक्का मुक्की में भाजपा सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए, उन्हें ICU में भर्ती कराना पड़ा जहाँ वे आज भी भर्ती ही है, लेकिन इस सबके बावजूद सारंगी के माथे से निकले खून और राजपूत के सिर में लगी चोट पर सियासत हो रही है, घटना के बाद भाजपा की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी पर 6 धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है इस बीच  कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का बड़ा बयान आया है।

कांग्रेस महासचिव एवं राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कल हुए पूरे घटनाक्रम को एक सोची समझी साजिश बताया, उन्होंने कहा कि अंबेडकर का अपमान करने वाले गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस ने पहले इस्तीफा मांगा और फिर प्रधानमंत्री से उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग की लेकिन भाजपा अमित शाह को बचाना चाहती है इसलिए पूरी साजिश रची गई।

भाजपा सांसदों की चोट और पूरे घटनाक्रम को साजिश बताया  

जयराम रमेश ने भाजपा सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत की चोट को एक ड्रामा बताया उन्होंने कहा भाजपा ने अपने सांसदों से गिराने का चोट का ड्रामा करवाया, राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर के बयान पर कांग्रेस नेता ने कहा जो गृह मंत्री कहेंगे वो तो वैसा ही कहेंगे और करेंगे।

राहुल गांधी पर हुई FIR को अंबेडकर के खिलाफ एफआईआर बताया 

जयराम रमेश ने कहा राहुल गांधी पर हुई एफआईआर को भी साजिश का हिस्सा बताया, जयराम रमेश ने यहाँ तक कह दिया कि ये एफआईआर राहुल गांधी पर नहीं है ये एफआईआर कांग्रेस नेता या फिर एलओपी लोकसभा के खिलाफ नहीं है ये एफआईआर अंबेडकर के खिलाफ है, सामाजिक न्याय के खिलाफ है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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