राज्यसभा में समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन और उपराष्ट्रपति एवं सभापति जगदीप धनखड़ के बीच एक बार फिर तीखी नोकझोंक देखने को मिली है। दरअसल यह विवाद तब शुरू हुआ जब जया बच्चन ने सभापति के बोलने के अंदाज पर सवाल उठाया, जिसके बाद सदन में हंगामे की स्थिति पैदा हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि विपक्षी सांसदों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में सदन का बहिष्कार कर दिया।
दरअसल राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान जब जया बच्चन ने अपनी बात कहनी चाही, तो सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें “जया अमिताभ बच्चन” के नाम से संबोधित किया। इस पर जया बच्चन ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा, “मैं एक कलाकार हूं और बॉडी लैंग्वेज और टोन को बखूबी समझती हूं।” उन्होंने सभापति की बोलने की शैली पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह उन्हें स्वीकार्य नहीं है। अपने विरोध को स्पष्ट करते हुए जया बच्चन ने कहा, “हम सहकर्मी हैं, चाहे आप चेयर पर हों या नहीं।”
सभापति धनखड़ : “मैं ऐसी बातें सहन नहीं करूंगा”
वहीं जया बच्चन की आपत्ति के बाद, सभापति जगदीप धनखड़ ने तीखे शब्दों में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह मत समझिए कि सिर्फ आपकी प्रतिष्ठा महत्वपूर्ण है। एक वरिष्ठ सांसद होने के नाते, आपको सभापति की मर्यादा का सम्मान करना चाहिए। चाहे आप कोई भी हों, चाहे आप एक सेलिब्रिटी हों, मैं ऐसी बातें बिल्कुल सहन नहीं करूंगा।”
धनखड़ के इस बयान के बाद सदन में माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सभापति ने जया बच्चन के साथ अनुचित व्यवहार किया गया है। इसके विरोध में, विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट करने का निर्णय लिया।
दरअसल सदन में मचे हंगामे के बाद विपक्षी दलों ने एकजुट होकर वॉकआउट किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों ने सभापति पर जया बच्चन के साथ अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया। विपक्ष ने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा हैं और सभापति का यह रवैया बिल्कुल अस्वीकार्य है।