नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सड़क परियोजनाओं (अर्बन एक्सप्रेस-वे) को मजबूत बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रहे हैं। बता दें कि भारतमाला परियोजना के तहत दिल्ली-NCR को जोड़ने वाली अर्बन एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है। जिसे करीब 9 हजार करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा है। बता दें कि इस एक्सप्रेस-वे के बनने से दिल्ली और हरियाणा के लोगों को बहुत ही फायदा होगा क्योंकि यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली को हरियाणा से जोड़ेगी। बता दें कि इसकी लंबाई 29 किलोमीटर है। जिसके लिए कार्य तेजी से चल रहा है। इस परियोजना की खास बात यह है कि ये भारत का पहला एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेस-वे होगा। जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। तो चलिए इस अर्बन एक्सप्रेस-वे की खासियत आपको बताते हैं…
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दरअसल, इस प्रोजेक्ट के माध्यम से दो राज्यों की कनेक्टिविटी अच्छी होगी। इसमें देश की पहली अर्बन टनल का निमार्ण किया जा रहा है। इसके अलावा यह परियोजना के माध्यम से सोहना रोड़, गोल्फ कोर्स रोड़ और गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड़ की व्यव्सथाएं अच्छी होगी। जिससे लोगों को जाम की समस्या से निजात मिलेगा। बता दें कि इसका निमार्ण कार्य चार चरणों में किया जा रहा है। जो कि दिल्ली में द्वारा होते हुए गुड़गांव के सेक्टर 88, 84, 83, 99 और 103 से होकर गुजरेगा। साथ ही इस एक्सप्रेस-वे को दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट से भी जोड़ने की तैयारी की जा रही है। जिसे लेकर सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट किया है।
Pragati Ka Expressway!
World Class Infrastructure in Delhi-NCR!
Dwarka Expressway, also known as the Northern Peripheral Road in Haryana portion, is being developed as the first elevated urban expressway in India. #GatiShakti #PragatiKaHighway pic.twitter.com/AmYigJrSC8— Nitin Gadkari (मोदी का परिवार) (@nitin_gadkari) July 11, 2022
वहीं, इस एक्सप्रेस-वे की एक खासियत ये है कि यह 16 लेन है। इसमें द्वारका के सेक्टर-25 में आने वाले इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (IICC) तक सीधी पहुंच होगी. इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण ने वातावरण को ध्यान में रखते हुए किनारे 12 हजार पौधे लगाए जाने का फैसला किया है. बता दें कि इस परियोजना को पूरा करने के लिए 2 लाख मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया जाएगा।
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बता दें कि इस साल के आखिरी तक इसका निर्माणकार्य पूरी होने की संभावना है। जिसका 18.9 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा में जबकि 10.1 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली में आएगा जो कि अत्याधुनिक इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम से लैस होगा। इतना ही नहीं इसमें फुल ऑटोमैटिक टोल सिस्टम भी लगाए जाने पर सहमति बन चुकी है। जो दिल्ली और हरियाणा के लिए बड़ी सौगात है।
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