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Mon, Dec 15, 2025

लद्दाख प्रशासन ने सोनम वांगचुक को दी गई जमीन का आवंटन किया रद्द, फिर से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन

Written by:Mini Pandey
लेह एपेक्स बॉडी ने इस फैसले को लद्दाख के लोगों को परेशान करने और उनकी आवाज को दबाने की कोशिश बताया। वहीं, कारगिल के नेताओं ने भी इस कदम की निंदा की और इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया।
लद्दाख प्रशासन ने सोनम वांगचुक को दी गई जमीन का आवंटन किया रद्द, फिर से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन

लद्दाख प्रशासन ने हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव लर्निंग (HIAL) को दी गई 54 हेक्टेयर जमीन का आवंटन रद्द कर दिया है, जिसे 2018 में 40 साल के पट्टे पर सोनम वांगचुक को आवंटित किया गया था। लेह के उपायुक्त ने इस आवंटन को रद्द करते हुए कहा कि जमीन का उपयोग निर्धारित उद्देश्य के लिए नहीं हुआ और कोई मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय स्थापित नहीं किया गया। इस फैसले के खिलाफ लद्दाख में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं और लेह एपेक्स बॉडी व कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस ने इसे लद्दाख की आवाज को दबाने की कोशिश बताया है।

सोनम वांगचुक ने इस कदम को लद्दाख पर हमला करार देते हुए कहा कि यह न केवल उनके खिलाफ, बल्कि पूरे क्षेत्र के खिलाफ है। उन्होंने बताया कि HIAL एक चैरिटेबल ट्रस्ट है जो पंजीकृत है और आइस स्टूपा परियोजना की सफलता के बाद लद्दाख के नेतृत्व ने इसे समर्थन दिया था। वांगचुक ने कहा कि HIAL से अब तक 400 छात्र पढ़ाई पूरी कर चुके हैं और इस रद्दीकरण को क्षेत्र के लिए संवैधानिक सुरक्षा की मांग से जोड़ा जा रहा है।

आवाज को दबाने की कोशिश

लेह एपेक्स बॉडी ने इस फैसले को लद्दाख के लोगों को परेशान करने और उनकी आवाज को दबाने की कोशिश बताया। वहीं, कारगिल के नेताओं ने भी इस कदम की निंदा की और इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया। कार्यकर्ता सज्जाद ने एक्स पर कहा कि कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस सोनम वांगचुक और लेह एपेक्स बॉडी के साथ एकजुटता में है और जल्द ही इस मुद्दे पर आधिकारिक बयान जारी करने के लिए बैठक होगी।

पूरे हिमालय क्षेत्र की शान

वांगचुक ने कहा कि HIAL न केवल लद्दाख, बल्कि पूरे हिमालय क्षेत्र की शान है। उन्होंने केंद्र सरकार पर लद्दाख के नेताओं के साथ बातचीत की प्रक्रिया को रोकने का भी आरोप लगाया, जो क्षेत्र में लोकतंत्र की बहाली की मांग कर रहे हैं। 2019 में लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने का जश्न मनाने वाले वांगचुक ने 2023 में कहा था कि लद्दाख जम्मू-कश्मीर के हिस्से के रूप में बेहतर था।