Lok Sabha Elections 2024: देश में जल्द ही लोकसभा के चुनाव होने वाले है। वहीं चुनावों से पहले अभी पूरे देश में आचार संहिता लागू है। वहीं चुनावों के आते है कई लोगों के मन में इसको लेकर कई तरह के सवाल उठते है। इसी कड़ी में आज हम आपके लिए एक और सवाल का उत्तर लेकर आए है। दरअसल आज हम इस खबर में आपको बताने वाले है की देश में जब आचार संहिता लगी हो तो उस दौरान जब सोना और शराब जब्त होते है तो कहां जाता है? चुनाव आयोग द्वारा इसका क्या किया जाता है। तो चलिए इस खबर में हम आपको पूरी जानकारी देने वाले है।
जब्त हुआ सोना और शराब कहां जाता है?
दरअसल चुनाव आयोग द्वारा चुनावों को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से करवाने के लिए चुनाव से पहले कई निर्देश जारी किए जाते है। दरअसल आचार संहिता के दौरान पुलिस द्वारा नियमों के खिलाफ इस्तेमाल होने वाली नकदी और शराब को जब्त कर लिया जाता है। दरअसल जब देश में आचार संहिता लगी होती है तो ऐसे में अवैध सामान या प्रतिबंधित सामग्री पर कड़ी नजर रखी जाती है और यदि यह किसी के पास पाई जाती है तो उसे जब्त कर लिया जाता है। हालांकि कई लोगों के मन में अब ये सवाल उठता है कि आखिर ये जब्त किया हुआ सामान जाता कहां हैै?
आपको जानकारी दे दें की जब भी आचार संहिता के दौरान ये जो कैश बरामद किया जाता है उसे आयकर विभाग को सौंप दिया जाता है। दरअसल आसान भाषा में समझा जाए तो उसे सरकारी खजाने में फिर से जमा कर दिया जाता है। दरअसल जब्त करने के बाद यदि कोई उसपर क्लेम नहीं करता है तो यह कदम उठाया जाता है। वहीं ऐसा ही बरामद किए गए सोने के साथ किया जाता है। इसे भी देश के खजाने में जमा कर दिया जाता है।
जब्त की हुई शराब का क्या होता है?
जानकारी के अनुसार देश में जब आचार संहिता लगी हो और ऐसे में यदि आयोग द्वारा शराब जब्त की जाती है तो सभी शराब को आयोग द्वारा एक जगह इकट्ठा कर लिया जाता है। वहीं इसके बाद मिली शराब को एक साथ नष्ट भी कर दिया जाता है। दरअसल चुनावों के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए शराब काफी मात्रा में इधर उधर की जाती है। हालांकि बिना कागजों के ले जाने पर पुलिस द्वारा इसे जब्त कर लिया जाता है।