MMS Scandal : चोरी से बनाए गए एमएमएस पर उठा सकते हैं ये कानूनी कदम, आरोपी को भुगतना होगा ये अंजाम

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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में हुए एमएमएस वीडियो लीक (Chandigarh University MMS Scandal) के मामले ने हंगमा मचा रखा है। इस कांड के पीछे एक लड़की और दो लड़के का हाथ है। दरअसल, हॉस्टल में एक लड़की चोरी से छात्राओं के नहाते हुए वीडियो बना कर वायरल करती थी। इस मामले के सामने आने के बाद हंगामा मच गया। इस मामले के सामने आने के बाद एक बार फिर से रिवेंज पोर्नोग्राफी (Revenge Pornography) और सेक्सटॉर्शन (Sextortion) को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।

हालांकि ये पहला मामला नहीं है जिसने इतना हंगामा मचाया है। इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है। क्योंकि लगातार देश में साइबर अपराध और यौन शोषण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इतना ही नहीं टेक्नोलॉजी की तरक्की के साथ ही सेक्सटॉर्शन में भी काफी ज्यादा वृद्धि हो रही है। इसके साथ ही रिवेंज पोर्नोग्राफी भी अब आम बात हो गई है। अब आप सोच रहे होंगे कि रिवेंज पोर्नोग्राफी क्या होती है तो आपको बता दें इसमें ब्लैकमेलर द्वारा पीड़िता को फोटो और एम एम एस के द्वारा धमकियां दी जाती है।

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साथ ही लोग इसे अपने पर्सनल फायदे के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। दरअसल इन दिनों सोशल मीडिया पर वीडियो कॉलिंग के अलावा और भी कई कॉलिंग ऐप आ चुके हैं। जिस पर बातचीत के जरिए लोग एक दूसरे को लुभाते हैं और फिर न्यूड करवा कर वीडियो रिकॉर्ड कर लेते हैं और फिर वायरल करने की धमकियां देकर अपना फायदा निकल आते हैं। ऐसे मामले लगातार देश में बढ़ते जा रहे हैं। लेकिन इन सब चीजों से बचने के लिए भारत में कई मजबूत धाराएं बनाई गई है। जिसमें से अगर लोग इस मामले में फंसते हैं तो वह बच सकते हैं। तो चलिए जानते हैं वह कौन सी भारतीय कानून धाराएं हैं जो हमारे लिए बेहद जरूरी है।

इस बात का रखे ध्यान –

आपको बता दें अगर किसी का कोई न्यूड वीडियो या एमएमएस वायरल होता है तो लोग डर जाते हैं। वहीं सुसाइड करने की कोशिश करते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। इस बारे में अपने परिवार से बात करना चाहिए भले ही वह गुस्सा करे, लेकिन कुछ टाइम बाद वह आपकी मदद जरूर करेंगे। इसके अलावा जो भी वीडियो आपका वायरल हुआ है। उसका स्क्रीनशॉट लेना ना भूले उस वीडियो को भी सेव कर ले।

इसके अलावा अगर किसी वीडियो में आपको टैग किया गया है और उसको आप खुद अनटैग करें। साथ ही जिस साइट पर वीडियो और फोटो अपलोड हुआ है वहां जाकर उसे डिलीट करने के लिए रिपोर्ट करें। इसके साथ ही अगर आपकी वीडियो या फोटो कही भी अपलोड हुई है आपकी बिना परमिशन की तो आप उसकी कंप्लेंट – सायबर सेल, लोकल पुलिस स्टेशन, पुलिस कमिश्नर से बात करें या फिर राष्ट्रय महिला आयोग में इसकी शिकायत करवाए।

इन पॉइंट्स पर डालें नजर –

राइट टु प्राइवेसी का मतलब है कि कोई भी आपकी निजी जिंदगी में दखल अंदाज़ी ना करें। यह हर व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है। क्योंकि कोई भी हमारी निजी जिंदगी में और निजी पल में दखल नहीं दे सकता है।

डिग्निटी का मतलब ये है कि अगर कोई भी अनजान व्यक्ति आपका फोटो वीडियो वायरल कर दे तो वो कानूनन अपराध होता है। ऐसे में उस इंसान पर केस किया जा सकता है। हर इंसान को सम्मान के साथ जीने का अधिकार है।

सोशल हार्म का मतलब भी यही है कि अगर कोई किसी का वीडियो या फोटो वायरल करता है तो उससे उसका मान-सम्मान गिरता है इसलिए ये भी अपराध है।

एंबेरेसमेंट का मतलब ये है कि वीडियो या फोटो के जरिए मानसिक और किसी भी तरीके से एम्बेरेस करना यानी शर्मिंदा करना गलत है। ये भी अपराध है।

बिना सहमति के किसी का वीडियो रिकॉर्ड किया जा सकता है और कब नहीं किया जा सकता है ऐसे जाने –

  • आपको बता दें बिना किसी सहमति के किसी का भी वीडियो रिकॉर्ड पब्लिक प्रॉपर्टी रैली या जुलूस में किया जा सकता है। साथ ही रोड पार्किंग दुकान या मॉल जैसे पब्लिक प्लेस पर आप वीडियो सीसीटीवी में बगैर सहमति के रिकॉर्ड हो सकते हैं।
  • लेकिन आप बिना किसी की इजाजत के मॉल या शोरूम के चेंजिंग रूम में किसी का वीडियो रिकॉर्ड नहीं कर सकते हैं। साथ ही आप किसी के प्राइवेट प्रॉपर्टी और पैलेस में भी किसी का वीडियो रिकॉर्ड नहीं कर सकते हैं।
  • वही गर्ल्स हॉस्टल होटल या टॉयलेट में भी किसी का वीडियो रिकॉर्ड नहीं कर सकते हैं। इतना ही नहीं अगर किसी वीडियो को पब्लिक प्लेस पर रिकॉर्ड किया गया है, तो उसको भी आप किसी गलत तरीके से इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। यह एक अपराध है ऐसा करने पर सख्त कानून का सामना करना पड़ सकता है।

इन बातों का रखें ध्यान –

किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अगर आपका वीडियो वायरल हो रहा है तो आप उसकी कंप्लेंट कर सकते हैं। इसके लिए नए IT रूल 2021 के अनुसार फेसबुक, वॉट्सऐप, ट्विटर सहित सभी सोशल साइट्स को भारत में अपने शिकायत अधिकारी की नियुक्त करना अनिवार्य होता है। ऐसे म 24 घंटे के अंदर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के शिकायत अधिकारी को कंप्लेन स्वीकार कर उसको 15 दिनों के अंदर केस का निपटारा करना होता है।

इसके अलावा अगर कोई आपकी बाथरूम या प्राइवेट प्लेस पर वीडियो बना कर उसको वायरल कर रहा है तो आप आईपीसी की धारा 354C और आईटी एक्ट 66Eई के तहत इस मामले में FIR दर्ज करवा सकते हैं। इसके लिए आईटी ऐक्ट 66E के तहत अपराधी को 3 साल तक की जेल और 2 लाख तक का फाइन भरना पड़ सकता है।

 

 

 


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Ayushi Jain

मुझे यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि अपने आसपास की चीज़ों, घटनाओं और लोगों के बारे में ताज़ा जानकारी रखना मनुष्य का सहज स्वभाव है। उसमें जिज्ञासा का भाव बहुत प्रबल होता है। यही जिज्ञासा समाचार और व्यापक अर्थ में पत्रकारिता का मूल तत्त्व है। मुझे गर्व है मैं एक पत्रकार हूं।मैं पत्रकारिता में 4 वर्षों से सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया तक का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कंटेंट राइटिंग, कंटेंट क्यूरेशन, और कॉपी टाइपिंग में कुशल हूं। मैं वास्तविक समय की खबरों को कवर करने और उन्हें प्रस्तुत करने में उत्कृष्ट। मैं दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखना जानती हूं। मैने माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएशन किया है। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन एमए विज्ञापन और जनसंपर्क में किया है।

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