नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के नेता चिराग पासवान (LJP Leader Chirag Paswan) को बड़ा झटका लगा है। मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet Expansion 2021) में शामिल पशुपति पारस को लेकर लगाई गई याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि बिना मेरिट की याचिका है, अर्जी में कोई नया आधार नहीं है, चूंकि यह मामला लोकसभा स्पीकर (Loksabha Speaker) के पास पेडिंग है लिहाजा आदेश देने का कोई जरूरत नहीं है।
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मोदी कैबिनेट विस्तार से पहले LGP नेता चिराग पासवान ने पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती दी थी कि अगर LJP कोटे से निष्कासित सांसद पशुपति पारस (Pashupati Paras) को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया, तो मैं कोर्ट जाऊंगा। इस बयान पर कायम रहे चिराग पासवन कैबिनेट विस्तार के बाद चाचा पारस के कैबिनेट मंत्री बनते ही हाईकोर्ट पहुंच गए और याचिका में कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों और शीर्ष नेतृत्व को धेाखा देने की वजह से राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते पशुपति कुमार पारस को पार्टी से निकाला जा चुका है, ऐसे में उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करना अनुचित है।
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इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में चिराग पासवान ने याचिका दाखिल की थी जिसमें उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती दी थी। लोकसभा अध्यक्ष ने पशुपति पारस को लोजपा का नेता सदन माना है। चिराग पासवान की तरफ से पेश वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi Highcourt) में जल्द मामले की सुनवाई की मांग की थी, जिस पर आज शुक्रवार को सुनवाई हुई और हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।