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Sun, Dec 14, 2025

केवल सैनिकों से युद्ध पर्याप्त नहीं, देश के लिए जीना और मरना जरूरी; मोहन भागवत ने क्या कहा

Written by:Mini Pandey
हिंदू की परिभाषा देते हुए भागवत ने कहा कि हिंदू वह है जो अपने पथ पर चलता है और दूसरों के मार्ग में बाधा नहीं डालता। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में सभी एक ही मंजिल तक पहुंच सकते हैं, चाहे उनका मार्ग अलग हो।
केवल सैनिकों से युद्ध पर्याप्त नहीं, देश के लिए जीना और मरना जरूरी; मोहन भागवत ने क्या कहा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि संघ का शताब्दी सफर हमेशा भारत के लिए समर्पित रहा है और इसका उद्देश्य भारत को विश्वगुरु के रूप में स्थापित करना है। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक व्याख्यानमाला में भागवत ने कहा कि भारत का समय विश्व में योगदान देने का आ गया है। उन्होंने संघ की दैनिक प्रार्थना की अंतिम पंक्ति ‘भारत माता की जय’ को इसका सार बताते हुए कहा कि हमें अपने देश को विश्व में प्रथम बनाने के लिए कार्य करना होगा।

भागवत ने स्वामी विवेकानंद के कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रत्येक राष्ट्र का एक मिशन होता है और भारत का मिशन विश्व व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है। उन्होंने भारत की सभ्यतागत विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि हम कभी स्वतंत्र और विश्व में अग्रणी थे, लेकिन कुछ हजार लोगों ने हम पर शासन किया। उन्होंने जोर दिया कि केवल सैनिकों से युद्ध पर्याप्त नहीं है, देश के लिए जीना और मरना जरूरी है।

हिंदू कौन है?

हिंदू की परिभाषा देते हुए भागवत ने कहा कि हिंदू वह है जो अपने पथ पर चलता है और दूसरों के मार्ग में बाधा नहीं डालता। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में सभी एक ही मंजिल तक पहुंच सकते हैं, चाहे उनका मार्ग अलग हो। भागवत ने जोर दिया कि हमारी संस्कृति सामंजस्य में विश्वास करती है और विश्व एक ही दिव्यता से बंधा है। उन्होंने संघ के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने की अपील की और कहा कि चर्चाएं तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए।

RSS का शताब्दी समारोह

आरएसएस के शताब्दी समारोह के तहत आयोजित इस तीन दिवसीय व्याख्यानमाला में भागवत विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों से संवाद करेंगे। उन्होंने सामाजिक परिवर्तन को भारत के उत्थान का आधार बताते हुए कहा कि यह काम किसी एक पर छोड़ने से नहीं होगा। समाज के प्रत्येक व्यक्ति को इसमें योगदान देना होगा। भागवत ने कहा कि स्वच्छ चरित्र और राष्ट्र के लिए समर्पित लोग ही भारत को आगे ले जाएंगे।