भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। अब तक आपने देवरानी-जिठानी की नोंकझोंक, लड़ाई के कई किस्से सुने होंगे। लेकिन इस बार ये मनमुटाव इतना बढ़ गया कि बात 510 करोड़ तक जा पहुंची। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में वर्चस्व की लड़ाई के चलते एक छोटी सी शराब की दुकान की बोली बढ़ते-बढ़ते 510 करोड़ यानी 5 अरब तक जा पहुंची। इस खबर के सामने आने के बाद सभी जगह तहलका मच गया था। लेकिन आखिर में ये बोली खारिज करनी पड़ी क्योंकि बोली लगाने वाला परिवार उसकी एक फीसदी राशि तय समय में जमा नहीं करा पाया।
ये है मामला
ये मामला हनुमानगढ़ जिले के नोहर कस्बे के खुईयां गांव का है। यहां शराब के एक ठेके की नीलामी (bid for liquor shop) हो रही थी। आबकारी विभाग द्वारा इसकी नीलामी में बेस प्राइस 72 लाख 65 हजार रूपये रखे गए थे। यहां बोली लगाने वालों में दो परिवारों की महिलाएं आमने-सामने थीं, जिनमें काफी समय से आपसी रंजिश थी। ये दोनों महिलाएं रिश्ते में देवरानी-जिठानी भी लगती हैं। सुबह 11 बजे दुकान की बोली शुरू हुई और किरण कंवर तथा प्रियंका कंवर ने एक दूसरे के सामने बोली लगाना चालू किया। बोली लगनी शुरू हुई और रात के 12 बजे तक तेरह घंटे तक बोली लगती रही। आखिर आधी रात के करीब रिश्ते में देवरानी लगने वाली किरण कंवर ने 5,101,015,400 (पांच अरब दस करोड़ दल लाख पंद्रह हजार चार सौ रूपये) की बोली लगाई और मामला यहां रूक गया। इसी के साथ देश में ये सबसे अधिक समय तक चलने वाली और सबसे महंगी बोली के रिकॉर्ड के रूप में दर्ज हो गई। इस बोली को देख आबकारी विभाग की नींद भी उड़ गई।
ब्लैकलिस्टेट हुआ बोली लगाने वाला परिवार
आपसी तनातनी में बोली की राशि इतनी ऊपर तो पहुंच गई, लेकिन इसके बाद मामले ने यू टर्न लिया। विभाग ने किरण कंवर को नोटिस भेजकर तीन दिन में बोली की राशि की एक प्रतिशत रकम जमा करने को कहा। हालांकि ये भरोसा किसी को नहीं था कि इतनी बड़ी राशि का एक प्रतिशत भी परिवार जमा करा पाएगा, और ऐसा ही हुआ भी। प्रावधान के अनुसार विभाग ने राशि जमा नहीं कराने पर परिवार को ब्लैकलिस्ट कर दिया और डिपॉजिट मनी भी जब्त कर ली है।