National Education Day : 11 नवंबर को ही क्यों मनाते हैं? जानिए राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का इतिहास

Atul Saxena
Published on -

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) आज 11 नवंबर को मनाया जाता है।  भारत के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 2008 में इसे मनाने की घोषणा की थी।  तब से इसे मनाया जा रहा है, आपको बता दें कि भारत के पहले शिक्षा मंत्री, महान शिक्षाविद, भारत रत्न मौलाना अबुल कलम आजाद के जन्मदिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस यानि National Education Day के रूप में मनाया जाता है।

शिक्षकों को सम्मान देने के लिए देश में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है, पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है ये सिलसिला 1962 से चला आ रहा है।  बाद में भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के शिक्षा व्यवस्था में उनके योगदान को याद रखने और उन्हें सम्मान देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) मनाने का फैसला हुआ।  मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने  11 सितम्बर 2008 को घोषणा की कि 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस  मनाया जायेगा।

ये था मौलाना आजाद का पूरा नाम 

मौलाना अबुल कलाम आजाद का पूरा नाम  मौलाना सैयद अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन अहमद बिन खैरुद्दीन अल हुसैनी आजाद था लेकिन लोग उन्हें मौलाना अबुल कलम आजाद या मौलाना आजाद के नाम से ही जानते थे। उन्होंने 15 अगस्त 1947 से 2 फरवरी 1958 तक देश के शिक्षा मंत्री के रूप में काम किया।

ये भी पढ़ें – VIDEO : Space X के रॉकेट से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन रवाना हुए 4 अंतरिक्ष यात्री, बनाया ऐसा रिकॉर्ड

मौलाना आजाद के कार्यकाल में IIT और UGC की स्थापना हुई 

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक मौलाना अबुल कलाम आजाद ने देश में राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली की स्थापना की।  उनके कार्यकाल में 1951 में देश के पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संसथान IIT की स्थापना हुई और 1953 में विश्व विद्यालय अनुदान आयोग UGC की स्थापना हुई।

ये भी पढ़ें – Gold Silver Rate : चांदी में भारी उछाल, सोना भी हुआ महंगा, ये हैं ताजा भाव

1992 में मिला देश का सर्वोच्च सम्मान “भारत रत्न” 

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, शिक्षाविद, विद्वान, दूरद्रष्टा, शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र का निर्माण करने वाले राष्ट्र प्रेमी मौलाना अबुल कलाम आजाद 22 फरवरी 1958 को दिल्ली में हुआ था। शिक्षा में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने 1992 में भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न मरणोपरांत प्रदान किया गया।

ये भी पढ़ें – अब Whatsapp पर मिलेगी ये सारी जानकारी, शिकायत भी कर सकेंगे दर्ज, ये है प्रक्रिया

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर होते है कार्यक्रम 

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) पर स्कूल, कॉलेजों और शैक्षिणिक संस्थानों में विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।  इनमें सेमिनार, निबंध प्रतियोगिता, शिक्षा पर संगोष्ठियां आदि आयोजित की जाती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया याद 

 


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News