राष्ट्रीय चेतना और गांधीवाद के पुरोधा राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की जयंती आज

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त (Maithili Sharan Gupt) की जयंती है। उनकी जयंती को ‘कवि दिवस’ के रुप में मनाया जाता है। उनकी प्रारंभिक काव्य जयद्रथ-वध ने अपार लोकप्रियता हासिल की। इसके बाद उन्होने गुप्त जी ने गद्य, पद्य, नाटक, मौलिक तथा अनूदित  हिन्दी भाषा में लगभग 74 रचनाओं का सृजन किया जिनमें दो महाकाव्य, 20 खंड काव्य, 17 गीतिकाव्य, चार नाटक और गीतिनाट्य सम्मिलित हैं। इनमें भारत-भारती काफी महत्वपूर्ण है, जिसे अंग्रेजी शासन ने बैन कर दिया था।

Rashifal 03 August 2022: तुला-मकर सहित 5 राशियों के लिए आज खुलेंगे पदोन्नति के द्वार, धन-यात्रा के योग, जानें 12 राशियों का भविष्यफल

उनका जन्म 3 अगस्त 1886 को झांसी के पास चिरगांव में सेठ रामचरण कनकने और काशी बाई की तीसरी संतान के रूप में हुआ। उन्हें हिंदी, संस्कृत, बांग्ला सहित कई भाषाओं का ज्ञान था। उन्होने खड़ी बोली में कई काव्य रचनाएं की और ये उनका साहित्य के क्षेत्र में अमूल्य योगदान है। वे स्वभाव से ही लोकसंग्रही कवि थे और अपने युग की समस्याओं के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील रहे। उनकी रचनाओं में राष्ट्रीयता, गांधीवाद, स्वतंत्रता, मानवता तथा नारी के प्रति करुणा और सहानुभूति के स्वर मुखर रहे। उनकी सृजनात्मकता और निज गुणों के कारण महात्मा गांधी ने उन्हें राष्ट्र कवि का दर्जा दिया था।


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।