भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त (Maithili Sharan Gupt) की जयंती है। उनकी जयंती को ‘कवि दिवस’ के रुप में मनाया जाता है। उनकी प्रारंभिक काव्य जयद्रथ-वध ने अपार लोकप्रियता हासिल की। इसके बाद उन्होने गुप्त जी ने गद्य, पद्य, नाटक, मौलिक तथा अनूदित हिन्दी भाषा में लगभग 74 रचनाओं का सृजन किया जिनमें दो महाकाव्य, 20 खंड काव्य, 17 गीतिकाव्य, चार नाटक और गीतिनाट्य सम्मिलित हैं। इनमें भारत-भारती काफी महत्वपूर्ण है, जिसे अंग्रेजी शासन ने बैन कर दिया था।
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उनका जन्म 3 अगस्त 1886 को झांसी के पास चिरगांव में सेठ रामचरण कनकने और काशी बाई की तीसरी संतान के रूप में हुआ। उन्हें हिंदी, संस्कृत, बांग्ला सहित कई भाषाओं का ज्ञान था। उन्होने खड़ी बोली में कई काव्य रचनाएं की और ये उनका साहित्य के क्षेत्र में अमूल्य योगदान है। वे स्वभाव से ही लोकसंग्रही कवि थे और अपने युग की समस्याओं के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील रहे। उनकी रचनाओं में राष्ट्रीयता, गांधीवाद, स्वतंत्रता, मानवता तथा नारी के प्रति करुणा और सहानुभूति के स्वर मुखर रहे। उनकी सृजनात्मकता और निज गुणों के कारण महात्मा गांधी ने उन्हें राष्ट्र कवि का दर्जा दिया था।
अपनी क्रांतिकारी रचना भारत भारती में देश की वर्तमान दुर्दशा पर क्षोभ प्रकट करते हुए कवि ने देश के अतीत का अत्यंत गौरव और श्रद्धा के साथ गुणगान किया। उन्होने लिखा है –
भूलोक का गौरव, प्रकृति का पुण्य लीला-स्थल कहाँ?
फैला मनोहर गिरि हिमालय और गंगाजल कहाँ?
संपूर्ण देशों से अधिक किस देश का उत्कर्ष है?
उसका कि जो ऋषि भूमि है, वह कौन, भारतवर्ष है।
मैथिलीशरण गुप्त की भाषा और सृजन से हिंदी की साहित्यिक भाषा का विकास हुआ। कला साहित्य में उनके योगदान को देखते हुए 1952 में उन्हें राज्यसभा की सदस्यता दी गई। 1954 में भारत भारती के लिए उन्हें पद्म भूषण से अलंकृत किया गया। काशी विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें डी.लिट की उपाधि भी प्रदान की गई। 12 दिसंबर 1954 को उन्होने इस संसार को अलविदा कह दिया, लेकिन अपनी रचनाओं के माध्यम से वे सदैव अमर रहेंगे। उनकी जयंती पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उन्हें नमन किया है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से ‘राष्ट्रकवि’ की उपाधि प्राप्त करने वाले और खड़ी बोली को अपनी रचनाओं का माध्यम बनाकर कालजयी काव्य रचने वाले प्रतिष्ठित कवि पद्मभूषण श्रद्धेय मैथिलीशरण गुप्त जी की जयंती पर सादर नमन। pic.twitter.com/6jWDRT9JpY
— Dr Narottam Mishra (Modi Ka Parivar) (@drnarottammisra) August 3, 2022