आज राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने अपना 65वां स्थापना दिवस दिल्ली स्थित मुख्यालय में मनाया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े छह दशकों से भारत के ज्ञान पुंज की जवाबदारी लेते हुए एनसीईआरटी ने शिक्षा का प्रकाश फैलाया है।
एनसीईआरटी की कक्षा 1 से 12 तक की पाठ्यपुस्तकें सीबीएसई और कई राज्य बोर्डों में उपयोग की जाती हैं। ई-पाठशाला और डिजिटल जादुई पिटारा जैसे मंचों ने डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा दिया है। यूनिसेफ और यूनेस्को जैसे संगठनों के साथ साझेदारी से एनसीईआरटी ने वैश्विक स्तर पर शिक्षा के मानकों को ऊंचा किया है।
एनसीईआरटी का स्थापना दिवस
एनसीईआरटी की स्थापना भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा 27 जुलाई 1961 को घोषित की गई थी और यह 1 सितंबर 1961 से औपचारिक रूप से प्रारंभ हुआ। तब से यह संस्था विद्यालयी शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम निर्माण, शोध, शिक्षक प्रशिक्षण और शैक्षिक संसाधनों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आ रही है। यह एक स्वायत्त संगठन है, जो सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत पंजीकृत है।
शिक्षा मंत्री ने दी शुभकामनाएं
एनसीईआरटी के स्थापना दिवस समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, विख्यात शिक्षाविद और एनसीईआरटी के अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर धर्मेंद्र प्रधान ने बधाई देते हुए कहा कि पिछले लगभग साढ़े छह दशकों से भारत के ज्ञान पुंज की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने इसे बहुत परिपक्वता के साथ निभाया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का कार्यान्वयन करते हुए, एनसीईआरटी ने नवीन पाठ्यपुस्तकों को शामिल किया है। इसके माध्यम से हमारे मन में जो वैश्विक नागरिक बनाने की कल्पना है, एनसीईआरटी उस दिशा में सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में भी ये गौरवशाली परंपरा जारी रहेगी।
#WATCH | दिल्ली: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने NCERT के 65वें स्थापना दिवस पर कहा, "NCERT के 65वें स्थापना दिवस पर में NCERT को बधाई देता हूं। पिछले लगभग 6.5 दशकों से भारत के ज्ञान पुंज की जवाबदारी लेते हुए, उन्होंने इसे बहुत परिप्रकाश किया है… राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020… pic.twitter.com/0qiRFbwgeZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 1, 2025





