शिमला, डेस्क रिपोर्ट। Pension News: हिमाचल प्रदेश के लाखों पेंशनरों के लिए राहत भरी खबर है।बजट में सीएम जयराम ठाकुर की घोषणा के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी केन्द्र की अटल पेंशन योजना में अपनी सह योगदान राशि बढ़ा दी है।राज्य सरकार ने इसे 2,000 से बढ़ाकर 3,000 रुपये सालाना किया गया है। इसका लाभ मनरेगा कामगारों, किसानों, कृषि श्रमिकों, दुकानदारों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं समेत लाखों पेंशनरों को होगा।
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दरअसल, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस संबंध में बजट घोषणा की थी, जिसके बाद अब राज्य सरकार ने इसे लागू कर दिया है। इस नई व्यवस्था को 31 मार्च 2023 तक लागू किया गया है।इस संबंध में वित्त विभाग के विशेष सचिव ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, उपायुक्तों समेत तमाम अधिकारियों को सूचना दे दी है।वही निर्देश दिए है कि असंगठित क्षेत्र के सभी कामगार जैसे मनरेगा वर्कर्स, किसान, कृषि-बागवानी श्रमिक, दुकानदार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिड-डे मील कामगारों आदि की अधिकतम कवरेज सुनिश्चित की जाए।
अटल पेंशन योजना को केंद्र सरकार ने एक जून 2015 को शुरू किया था। अटल पेंशन योजना में अंशदाताओं को 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर 1000 रूपये से लेकर 5000 रूपये तक प्रतिमाह पेंशन मिलती है, जो उनके अंशदान पर निर्भर करती है।इस योजना में 18 से 40 वर्ष के लोगों को शामिल किया जाता है। इन लोगों को 60 वर्ष की उम्र तक प्रीमियम राशि जमा करनी होती है।यह लाभ ऐसे कर्मचारियों को दिया जाता है जो न तो किसी सामाजिक सुरक्षा योजना में कवर होेते हैं और न ही आयकर दाता हैं।
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यह अंशदान किसी व्यक्ति के योजना में शामिल होने के समय उसकी आयु के अनुसार निर्धारित किया जाता है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा पात्र अंशदाता के खाते में हर वर्ष कुल अंशदान का आधा हिस्सा अथवा 1000 रूपये, इनमें जो भी कम हो, जमा कराया जाता है।इसमें राज्य सरकार 50 फीसदी सह योगदान देती है।इसके लिए खुद लाभार्थी को 50 फीसदी अंशदान देना होता है। 60 वर्ष के बाद इन लोगों को 1,000 से 5,000 रुपये तक मासिक पेंशन देने की योजना है। प्रीमियम को अलग-अलग योजना में हर माह जमा किया जा सकता है।