#justice4Nikita- क्यों मारी गई Nikita Tomar को दिनदहाड़े गोली, लव जिहाद का बताया जा रहा मामला

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हरियाणा, डेस्क रिपोर्ट। हरियाणा राज्य के फरिदाबाद जिले की बल्लभगढ़ तहसील से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां  एक 21 साल की छात्र निकिता तोमर (Nikita Tomar)को उसके प्रेमी और उसके सहयोगी ने फरीदाबाद में उसके कॉलेज के बाहर गोली मार दी। निकिता तोमर (Nikita Tomar) के परिवार वालों ने ‘लव जिहाद’ का आरोप लगाते हुए कहा कि आरोपी उसका धर्म परिवर्तन कर उसे शादी करने के लिए मजबूर कर रहा था। घटना सोमवार दोपहर की है, जब पीड़ित, निकिता तोमर (Nikita Tomar),  कॉलेज से अपनी परिक्षा देकर बाहर निकली थी। घटना का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बता दें कि निकिता  बी.कॉम की लास्ट ईयर स्टूडेंट थी।

देखें वायरल वीडियो- 


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।