Fact Checked! CBSE 10वीं-12वीं बोर्ड के लिए नहीं बदला है पासिंग क्राइटेरिया

Gaurav Sharma
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भोपाल/नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। 10वीं-12वीं के स्टूडेंट्स सावधान हो जाइए, क्योंकि सोशल मीडिया (social media) पर वायरल (Viral on social media) हो रही जानकारी गलत भी हो सकती है। जी हां हम बात कर रहे हैं 10वीं-12वीं सीबीएसई बोर्ड परीक्षा (CBSE board exam) की, जिसे लेकर कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया (social media) पर एक पोस्ट वायरल (Post viral) हो रहा थी। जिसमें यह कहा जा रहा था कि शिक्षामंत्री (Minister of Education) ने सीबीएसई 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा (10th and 12th board exams) के लिए कुछ चेंजेस किए हैं, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। वायरल पोस्ट में कहा गया था कि सीबीएसई 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा (CBSE board exam) के लिए पासिंग क्राइटेरिया (Passing criteria) को रिवाइस कर दिया गया है, जिसे लेकर कई बच्चे, जिन्हें इस परीक्षा में शामिल होना है वे सभी चिंतित हो गए थे। फिलहाल इस पोस्ट को PIB ने फेक (fack) बताया है।

फेक न्यूज का पीआईबी ने किया खुलासा

बता दें कि इस पोस्ट को लेकर केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी पीआईबी (PIB) ने इसे फेक न्यूज बताया है। पीआईबी (PIB) ने घोषणा की है कि शिक्षा मंत्री द्वारा इस तरह की कोई भी जानकारी नहीं दी गई है। और ना ही इस संबंध में किसी भी तरह का नोटिस जारी किया गया है। इसलिए कोई भी छात्र परेशान ना हो। यह सारी जानकारी पीआईबी ने अपने ट्वीटर के जरिए सभी तक पहुंचाई है।

पासिंग क्राइटेरिया में नहीं हुआ है बदलाव

वायरल हो रहे पोस्ट में कहा जा रहा था कि सीबीएसई 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा (10th and 12th CBSE board exam) में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के लिए अब पास होना है तो 33 अंक की बजाय 23 अंक ही लाना होगा, लेकिन इसे केंद्र सरकार की एजेंसी पीआईबी (Central Government Agency PIB) ने गलत ठहराया है। पीआईबी (PIB) ने कहा कि सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि 10वीं और 12वीं की 2021 बोर्ड परीक्षा में अब पास होने के लिए 33% अंक को हटाकर 23% कर दिया गया है। यह दावा फर्जी है। शिक्षा मंत्री ने ऐसी कोई भी घोषणा नहीं की है।

फेक न्यूज की खुली पोल

बोर्ड परीक्षा में पास होने की क्राइटेरिया (Passing criteria) की सूचना मिलते ही सभी छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) और बोर्ड से सूचना मांगी। जिसके बाद स्टूडेंट्स के संदेह को दूर करते हुए पीआईबी (PIB) ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए पोस्ट कर फेक न्यूज़ की पोल खोल दी है।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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