Patanjali Ayurved: पतंजलि के ‘भ्रामक विज्ञापन’ मामले में आज बाबा रामदेव की कोर्ट में पेशी, जाने अब तक इस मामले में क्या हुआ?

Patanjali Ayurved: पतंजलि आयुर्वेद के 'भ्रामक विज्ञापन' मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2 अप्रैल यानी आज बाबा रामदेव को पेश होने का निर्देश दिया था। वहीं इससे पहले यानी 27 फरवरी और 19 मार्च को भी कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की थी।

Rishabh Namdev
Published on -

Patanjali Ayurved: पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और पतंजलि के MD आचार्य बालकृष्ण को नोटिस का जवाब देने का आदेश दिया था, लेकिन बाबा रामदेव और पतंजली के MD आचार्य बालकृष्ण द्वारा जवाब नहीं दिया गया था जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें जमकर फटकार लगाई थी। वहीं कोर्ट ने उन्हें निजी तौर पर पेश होने के आदेश दिए थे। दरअसल कोर्ट ने 2 अप्रैल यानी आज पेश होने का निर्देश दिया था। हालांकि, कंपनी द्वारा इस मामले में कोर्ट से अपनी गलती पर बिना शर्त माफी भी मांगी गई है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच द्वारा इस मामले पर सुनवाई की जा रही हैं।

गुमराह करने वाले सभी दवा विज्ञापनों पर रोक:

सुप्रीम कोर्ट ने 27 फरवरी को पतंजलि आयुर्वेद के गुमराह करने वाले सभी दवा विज्ञापनों पर रोक लगा दी थी। इस मामले में अवमानना कार्यवाही के कारण नोटिस भी जारी किया गया था। पिछले साल कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापन न जारी करने की घोषणा की थी, लेकिन पतंजलि ने इसे ध्यान में नहीं रखा।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई:

सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की 17 अगस्त 2022 को दायर की गई याचिका पर सुनवाई की। यह याचिका में कहा गया था कि पतंजलि ने कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी के खिलाफ नकारात्मक प्रचार किया है। इसके साथ ही, कंपनी ने अपनी आयुर्वेदिक दवाओं से कुछ बीमारियों के इलाज का फर्जी दावा किया था।

पतंजलि ने कोर्ट के आदेश के बाद भी विज्ञापन जारी किए

दरअसल पिछले सुनवाई में, आईएमए द्वारा दिसंबर 2023 और जनवरी 2024 में प्रिंट मीडिया में छापे गए विज्ञापनों को कोर्ट के सामने पेश किया था। वहीं आपको बता दें की, पतंजलि के CEO बालकृष्ण के साथ योग गुरु रामदेव की 22 नवंबर 2023 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी आयोजित की गई थी। दरअसल प्रेस कॉन्फ्रेंस में, पतंजलि ने अपने विज्ञापनों में मधुमेह और अस्थमा को ‘पूरी तरह से ठीक’ करने का दावा किया था।

जानकारी दे दें कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के ठीक एक दिन बाद आयोजित किया गया था। दरअसल 21 नवंबर 2023 को हुई सुनवाई के दौरान, जस्टिस अमानुल्लाह ने आदेश दिया था कि “पतंजलि को सभी भ्रामक दावों वाले विज्ञापनों को तुरंत बंद करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ऐसे किसी भी उल्लंघन को बहुत गंभीरता से लेगा और हर एक प्रोडक्ट के झूठे दावों पर 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगा सकता है।”


About Author
Rishabh Namdev

Rishabh Namdev

मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

Other Latest News