विशेष जैकेट पहने संसद पहुंचे पीएम मोदी, देश में हो रही चर्चा, जानिए इसमें क्या है खास?

Atul Saxena
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PM Modi reached Parliament in a special blue jacket : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संसद में जब राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव देने के लिए पहुंचे तो एक बार संसद के अन्दर और संसद के बाहर उनकी जैकेट की चर्चा शुरू हो गई, दरअसल पीएम मोदी ने जो आज के खास दिन के लिए जैकेट पहनी थी वो भी खास ही है, आइए जानते हैं इस जैकेट की खासियत…

विशेष जैकेट पहने संसद पहुंचे पीएम मोदी, देश में हो रही चर्चा, जानिए इसमें क्या है खास?

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प्लास्टिक की ख़राब बोतल से बनी है ये स्पेशल जैकेट 

प्रधानमंत्री मोदी आज नीले रंग की जैकेट पहने संसद में नजर आये, ये जैकेट प्लास्टिक की ख़राब बोतलों से बनी हुई है जिसे IOC ने उन्हें सोमवार 6 फरवरी को बेंगलुरु में इंडिया एनर्जी वीक में उपहार स्वरूप दी थी। पीएम मोदी के लिए तमिलनाडु के करूर की कंपनी श्री रेंगा पॉलीमर्स ने इस जैकेट को तैयार कराया है। इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने गुजरात में प्रधानमंत्री के टेलर से यह जैकेट तैयार करवाई है। बताया गया है कि इस जैकेट को बनाने में औसतन 15 बोतल का इस्तेमाल हुआ है।

इंडियन आयल ने बनाई है खास योजना  

आपको बता दें कि इंडियन आयल कारपोरेशन ने हर साल 10 करोड़ PET बोतलों को रिसाइकिल करने की योजना बनाई है। रिसाइकिल होने वाली इन बोतलों से फिर कपड़े बनाए जाएंगे। इस योजना को Unbottled Initiative नाम दिया गया है। कंपनी ने इसका ट्रायल किया और इसकी एक जैकेट विशेषज्ञों ने तैयार की, जिसे IOC ने पीएम मोदी को भेंट किया।

पर्यावरण संरक्षण में ये कपडा बनेगा मददगार 

इंडियन ऑयल के अनुसार, एक यूनिफॉर्म को बनाने के लिए कुल 28 बोतल का इस्तेमाल होता जिसे रिसाइकिल किया जाता है। कंपनी ने जो योजना बनाई है उसमें हर साल 10 करोड़ PET बोतलों का रिसाइकिल किया जायेगा। रिसाइकल प्लास्टिक बोतल से बनने वाले कपड़े पर्यावरण के संरक्षण में मदद करेंगे इससे पानी की भी बचत होगी। इसमें पानी की एक बूंद का भी इस्तेमाल नहीं होता है। गौरतलब है कि कॉटन को कलर करने में भारी मात्रा में पानी का इस्तेमाल किया जाता है जबकि पॉलीस्टर की डोप डाइंग की जाती है। आईओसी की योजना PET बोतलों का इस्तेमाल करके सशस्त्र बलों के लिए नॉन-कॉम्बैट यूनिफॉर्म बनाने की भी है।

एक जैकेट बनाने में लगती हैं कितनी बोतल?

पीएम मोदी ने आज जो जैकेट पहनी उसे तमिलनाडु के करूर की कंपनी श्री रेंगा पॉलीमर्स ने जैकेट तैयार की है। कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर सेंथिल शंकर ने दावा किया कि उन्होंने इंडियन ऑयल को PET बॉटल से बने नौ रंग के कपड़े दिए थे। इंडियन ऑयल ने गुजरात में प्रधानमंत्री के टेलर से यह जैकेट तैयार करवाई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की जैकेट को बनाने में औसतन 15 बोतल का इस्तेमाल होता है जबकि एक पूरी यूनिफॉर्म बनाने में औसतन 28 बोतल का प्रयोग होता है।

और क्या है इस कपड़े की खासियत?

आपको बता दें कि प्लास्टिक की ख़राब बोतल से बने कपड़े पूरी तरह से ग्रीन टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं। इन बोतलों को रिहायशी क्षेत्रों, समुद्र के किनारों और अन्य जगहों से इकट्ठा किया जाता है। ख़ास बात ये भी है कि इन कपड़ों पर एक क्यूआर कोड होता है जिसे स्कैन करके उसकी पूरी हिस्ट्री जान सकते हैं। बताया गया है कि  टी-शर्ट और शॉर्ट्स बनाने में पांच से छह बोतल का इस्तेमाल होता है। शर्ट बनाने में 10 और पेंट बनाने में 20 बोतल का इस्तेमाल होता है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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