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Wed, Dec 17, 2025

80-90 बार नकारे गए लोग संसद में चर्चा नहीं होने देते, हंगामा करते हैं, शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले विपक्ष पर गरजे PM Modi

Written by:Atul Saxena
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जिनको जनता ने लगातार नकारा है, वे अपने साथियों की बात को भी नकार देते हैं और उनकी एवं लोकतंत्र की भावनाओं का अनादर करते हैं।
80-90 बार नकारे गए लोग संसद में चर्चा नहीं होने देते, हंगामा करते हैं, शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले विपक्ष पर गरजे PM Modi

PM Modi Parliament winter session: आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है, इस सत्र के भी हंगामाखेज होने के पूरे-पूरे आसार हैं, विपक्ष मन बनाकर बैठा है कि कि इस सत्र में गौतम अडानी का मुद्दा उठायेगा इसके अलावा जातिगत जनगणना भी विपक्ष के मुख्य मुद्दों में से एक है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने तेवर पहले ही दिखा दिए, पीएम मोदी ने सत्र की शुरुआत से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए विपक्ष पर करार प्रहार किया, प्रधानमंत्री ने कहा जिन लोगों को 80-90 बार जनता ने नकार दिया वे संसद में चर्चा नहीं होने देते दूसरे सांसदों का अधिकार छीनते हैं हुडदंग करते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा। 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है, देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में भी लगा हुआ है। संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है। आज विश्व भारत की तरफ बहुत आशा भरी नजर से देख रहा है। इसलिए हमें संसद के समय का उपयोग वैश्विक स्तर पर भी भारत के बढ़े हुए सम्मान बल प्रदान करने में करना चाहिए। कल संविधान सदन में हम सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत करेंगे।

PM Modi ने विपक्ष पर साधा निशाना  

मोदी ने कहा कि लोकतांत्रिक परंपरा में पुरानी पीढ़ी का काम है आने वाली पीढ़ियों को तैयार करें। लेकिन 80-90 बार जिनको जनता ने नकार दिया है वे न संसद में चर्चा होने देते हैं न लोकतंत्र की भावना का सम्मान करते हैं। न वो लोगों के प्रति अपना दायित्व समझ पाते  हैं, वे जनता की उम्मीदों पर कभी भी खरे नहीं उतरते। परिणामस्वरूप जनता को उन्हें बार-बार नकारना पड़ रहा है।

मुट्ठीभर लोग हुड़दंगबाजी से संसद को कंट्रोल करने का लगातार प्रयास कर रहे 

मैं बार-बार विपक्ष के साथियों से आग्रह करता रहा हूं और कुछ विपक्षी साथी भी चाहते हैं कि सदन में सुचारू रूप से काम हो। लेकिन जिनको जनता ने लगातार नकारा है, वे अपने साथियों की बात को भी नकार देते हैं और उनकी एवं लोकतंत्र की भावनाओं का अनादर करते हैं। दुर्भाग्य से कुछ लोगअपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संसद को भी मुट्ठीभर लोगों की हुड़दंगबाजी से संसद को कंट्रोल करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। उनका अपना मकसद तो सफल नहीं होता, लेकिन देश की जनता उनके सारे व्यवहार देखती है और जब समय आता है तो उन्हें सजा भी देती है।

पार्लियामेंट में स्वस्थ चर्चा हो, ये सामूहिक जिम्मेदारी 

हमारे संविधान की महत्वपूर्ण इकाई है – संसद और हमारे सांसद। पार्लियामेंट में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें। कल संविधान सदन में सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत करेंगे। संविधान निर्माताओं ने संविधान का निर्माण करते समय एक एक बिंदु पर बहुत विस्तार से बहस की है और तब जाकर ऐसा उत्तम दस्तावेज हमें प्राप्त हुआ है।