City of Prime Ministers : भारत एक लोकतांत्रिक देश है, यहां लोग अपनी मर्जी से अपनी पसंद का सरकार चुनते हैं। उन्हें अपने हित में काम करने के लिए अपना कीमती वोट देकर उन्हें उस पद पर बैठाते हैं, जहां से उनकी रक्षा की जा सके। यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। यहां सभी धर्म के लोग एकजूटा के साथ रहते हैं। सभी को अपनी मर्जी से जीने का अधिकार है। उन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त है। जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत में सबसे ऊंचा पद राष्ट्रपति का होता है। इसके बाद केंद्र सरकार में सभी मंत्रियों का मुखिया प्रधानमंत्री होता है। जिसके लिए भारतीय संविधान में अनुच्छेद 75 बनाया गया है, जिसमें इस बात का उल्लेख किया गया है कि राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की नियुक्ति की जाएगी। जिसका पालन हमेशा से किया जा रहा है।
भारत के हर एक राज्य और शहरों की अपनी अलग-अलग पहचान होती है। उनके अपने-अपने निकनेमस भी होते हैं। कुछ लोगों के इसके बारे में पता होता है, तो कुछ लोग इससे बहुत ही अनजान है। कई बार शहर या राज्यों के उपनाम प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। इसके बारे में कई बार नहीं पता होने के कारण विद्यार्थी या तो गलत जवाब देकर आते हैं या फिर उस सवाल को छोड़कर दूसरे सवाल पर चले जाते हैं। यदि थोड़ा सा ध्यान दिया जाए, तो आपको इस चीज की भी जानकारी मिल सकती है।
“प्रधानमंत्रियों का शहर”
ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे शहर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे प्रधानमंत्रियों का शहर कहा जाता है। जी हां, यह सुनने में बहुत ही आश्चर्यजनक है, लेकिन यह बिल्कुल सच है। दरअसल, हम उत्तर प्रदेश में स्थित प्रयागराज की बात कर रहे हैं, जिसे प्रधानमंत्रियों का शहर कहा जाता है। इस शहर को संगम नगरी के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यहां पर गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम होता है। यहां सालोंभर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं। अमावस्या के समय यहां पर भक्तों की काफी ज्यादा भीड़ उमड़ती है।
अब बात करते हैं कि इस शहर को प्रधानमंत्री का शहर क्यों कहा जाता है? वह इसलिए क्योंकि आजादी के बाद यानी साल 1947 के बाद अब तक यहां से देश को कुल 15 प्रधानमंत्री मिले हैं। जिनमें नरेंद्र मोदी का नाम भी शामिल है। जिनमें से 7 प्रधानमंत्रियों का रिश्ता प्रयागराज (इलाहाबाद) से जुड़ा हुआ है। इसलिए इस शहर को प्रधानमंत्री का शहर कहा जाता है।
जानें नाम
- आइए अब हम आपको उन 7 प्रधानमंत्रियों के बारे में बताते हैं जो कि इस जगह से काफी गहराई के साथ जुड़े हुए हैं। जिसमें पहला नाम पंडित जवाहरलाल नेहरू का आता है। जिनका जन्म 1889 में प्रयागराज में हुआ था।
- अब लाल बहादुर शास्त्री का नाम आता है जो कि बेहद सरल स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने करछना से जय जवान जय किसान का नारा दिया था, जो आज भी लोगों की जुबान पर चढ़कर बोलता है।
- इसके बाद, भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्म भी प्रयागराज में ही हुआ था।
- वहीं, गांधी परिवार से ताल्लुक रखने वाले देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जन्म मुंबई में हुआ, लेकिन उनकी कर्मभूमि प्रयागराज रही।
- इसके बाद, गुलजारीलाल नंदा का नाम इस लिस्ट में शामिल है। जिन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की थी।
- वहीं, देश के आठवें प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह का जन्म भी प्रयागराज में ही हुआ था। जिन्होंने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
- इसके बाद, प्रयागराज से ताल्लुकात रखने वाले प्रधानमंत्री में चंद्रशेखर राव का नाम आता है। जिन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी। जिन्हें राजनीति में काफी ज्यादा दिलचस्प था, लेकिन वह केवल 7 महीना के लिए ही प्रधानमंत्री रह पाए थे।
यह सभी उन प्रधानमंत्री के नाम है, जिन्होंने देश के विकास में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया। साथ ही अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए तरह-तरह के कानून बनाएं। इसलिए यह शहर प्रधानमंत्री के शहर के नाम से जाना जाता है।