अयोध्या, डेस्क रिपोर्ट। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Prisedent of India Ramnath Kovind) चार दिवसीय उत्तर प्रदेश के दौरे पर आज चौथे दिन अयोध्या पहुंचे जहां उन्होंने आज रामायण कॉनक्लेव (Ramayana Conclave) का उद्घाटन किया। इसी के साथ राष्ट्रपति ने पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की कई योजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। इस मौके पर भगवान राम के जीवन काल पर आधारित एक प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें भगवान राम से जुड़ी हर कथा को दिखाया गया। कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि रामायण ऐसा विलक्षण ग्रंथ है जो रामकथा के माध्यम से विश्व समुदाय के समक्ष मानव जीवन के उच्च आदर्शों और मर्यादाओं को प्रस्तुत करता है। मुझे विश्वास है कि रामायण के प्रचार-प्रसार हेतु उत्तर प्रदेश सरकार का यह प्रयास भारतीय संस्कृति तथा पूरी मानवता के हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।
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इस दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि राम के बिना अयोध्या, अयोध्या है ही नहीं। अयोध्या तो वहीं है, जहां राम हैं। इस नगरी में प्रभु राम सदा के लिए विराजमान हैं, इसलिए यह स्थान सही अर्थों में अयोध्या है। उन्होंने बताया कि अयोध्या का शाब्दिक अर्थ है, ‘जिसके साथ युद्ध करना असंभव हो. रघु, दिलीप, अज, दशरथ और राम जैसे रघुवंशी राजाओं के पराक्रम व शक्ति के कारण उनकी राजधानी को अपराजेय माना जाता था। इसलिए इस नगरी का ‘अयोध्या’ नाम हमेशा सार्थक रहेगा। रामायण में दर्शन के साथ-साथ आदर्श आचार संहिता भी उपलब्ध है जो जीवन के प्रत्येक पक्ष में हमारा मार्गदर्शन करती है।
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रामायण कान्क्लेव के शुभारंभ अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राम जन-जन के हैं। हमारी आस्था और रोम-रोम में राम बसे हैं। यही आस्था ही अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण के मार्ग को प्रशस्त किया है। इस दौरान लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने शानदार अंदाज में गीतों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों ने जय श्रीराम का जयघोष किया।