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Mon, Dec 15, 2025

रिजर्व बैंक ने Repo Rate में नहीं किया बदलाव, 5.5 प्रतिशत बनी रहेगी दर, जानें महंगाई और GDP ग्रोथ का हाल

Written by:Diksha Bhanupriy
आरबीआई एमपीसी की बैठक के बाद इसके नतीजे का ऐलान कर दिया गया है। आरबीआई गवर्नर ने बताया है कि रेपो रेट में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने महंगाई दर और GDP की जानकारी भी दी है।
रिजर्व बैंक ने Repo Rate में नहीं किया बदलाव, 5.5 प्रतिशत बनी रहेगी दर, जानें महंगाई और GDP ग्रोथ का हाल

आरबीआई (RBI) ने रेपो रेट (Repo Rate)को लेकर एक बार फिर से घोषणा कर दी है। इस बार रेपो रेट में किसी भी तरह की कटौती नहीं की गई है जबकि इससे पहले तीन बार इसे घटाया गया था। अब रेपो रेट 5.5 पर बरकरार रहेगा। इसका सीधा मतलब यह है कि जिन लोगों का लोन चल रहा है उनकी EMI में फिलहाल किसी भी तरह का बदलाव नहीं आएगा। जब आरबीआई रेपो रेट घटाता है तो बैंक की लोन दरों में कटौती हो जाती है। जिससे EMI कम हो जाती है लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला है।

रेपो रेट वह दर है जिस पर रिजर्व बैंक आफ इंडिया कमर्शियल लोन अन्य बैंकों को उपलब्ध कराता है, यह लोन छोटी अवधि के होते हैं। अब रेपो रेट स्थिर होने की वजह से ब्याज दरों में किसी भी तरह का बदलाव देखने को नहीं मिलेगा। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति की बैठक में सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया गया है।

RBI का कहना- इकोनॉमिक ग्रोथ मजबूत

एमपीसी की बैठक के नतीजे की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर ने बताया कि अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ को लेकर अनिश्चितता बनी है लेकिन त्योहारी सीजन इकोनामिक एक्टिविटीज के लिए बहुत खास होता है। सामान्य से बेहतर मानसून और कम महंगाई दर आर्थिक गतिविधियों को बढ़ा रही है। भारत में आरबीआई ने इकनॉमिक ग्रोथ को लेकर अच्छे कदम उठाए हैं और यह लगातार मजबूत बनी हुई है।

लोन पर क्या होगा असर

आपको बता देते हैं कि आरबीआई की रेपो रेट का लोन पर कैसा असर होता है। बता दें कि यह एक ब्याज दर होती है जिस पर आरबीआई देश के तमाम बैंकों को लोन देता है। बैंक आरबीआई से लोन लेकर अपने कस्टमर को यह सुविधा प्रदान करते हैं। अब जब आरबीआई की तरफ से रेपो रेट को काम किया जाता है या फिर बढ़ाया जाता है तो बैंकों की ब्याज दर बढ़ती घटती है और इसका असर कस्टमर से लोन की ब्याज दर पर भी दिखाई देता है। रेपो रेट अगर कट होती है तो होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन लेने वालों को ब्याज दर में कटौती का फायदा मिलता है।

4 फीसदी के आसपास महंगाई दर

रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए अनुमानों के मुताबिक वित्त वर्ष 2026 में महंगाई सीमित रहने वाली है। बुधवार 2026 के दौरान यह 3.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। यह भी कहा गया है कि इस साल के अंत तक इजाफा नजर आ सकता है और यह चार फ़ीसदी से ऊपर जा सकती है। वही रिटेल महंगाई का आंकड़ा जुलाई में 3.54% पर पहुंच चुका है तो 2019 के सितंबर के बाद अब तक सबसे कम है।

विदेशी मुद्रा का भंडार

आरबीआई ने विदेशी मुद्रा भंडार की जानकारी विधि है जो लगभग 688.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इसके जरिए देश का 11 महीने का आयात कर किया जा सकता है। रिजर्व बैंक का कहना है कि फाइनेंशियल ईयर 2025 में इसकी रफ्तार भले ही सुस्त हो लेकिन ओवरऑल फाइनेंशियल फ्लो मजबूत रहा है। सर्विस एक्सपोर्ट्स में भी भारत की हिस्सेदारी बढ़ी है और यह चार फ़ीसदी के पार चली गई है।

GDP ग्रोथ का हाल

गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में बदलाव न करने की जानकारी देने के साथ जीडीपी ग्रोथ के बारे में भी बताया है। उन्होंने कहा कि फाइनेंशियल ईयर 2026 के लिए यह ग्रोथ 6.5% रह सकती है। क्वार्टरली अनुमान के हिसाब से पहले क्वार्टर में यह 6.5%, दूसरी में 6.7%, तीसरे में 6.6% और चौथे क्वार्टर में 6.3% रह सकती है। अगले वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 6.6% रहने की उम्मीद जताई गई है।