कर्मचारियों-पेंशनरों के लिए राहत भरी खबर, सैलरी-पेंशन भुगतान पर अपडेट, इस दिन खाते में आएगी राशि, पढ़े CM का बयान

अब केंद्र सरकार से राजस्व घाटा अनुदान की 490 करोड़ रुपये की मासिक किस्त मिलने के बाद ही वेतन का भुगतान होगा।

Pooja Khodani
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HP Employees Pensioners  Salary Pension :हिमाचल प्रदेश के 3.50 लाख सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए राहत भरी खबर है। वेतन और पेंशन को लेकर ताजा अपडेट सामने आया है।सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने ऐलान किया है कि प्रदेश के कर्मचारियों को इस महीने वेतन 5 सितंबर तथा पेंशनरों को पेंशन 10 सितंबर को दी जाएगी।इधर,बिजली बोर्ड के 80000 कर्मचारियों को वेतन मिल गया है।

दरअसल, आज बुधवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष द्वारा कर्मचारियों पेंशनरों के सैलरी पेंशन को लेकर उठाए गए सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों को इस महीने वेतन पांच तारीख यानि 5 सितंबर तथा पेंशनरों को पेंशन 10 सितंबर को दी जाएगी। वेतन तथा पेंशन को पहली तारीख की बजाय क्रमशः 5 व 10 तारीख देने का मुख्य कारण खर्चे का प्राप्तियों के साथ मैपिंग करके वित्तीय संसाधनों का उपयोग करना है, इससे राज्य सरकार ने उठाए गए कर्ज पर ब्याज राशि बचाने का प्रयास किया है।

3.50 लाख कर्मचारियों पेंशनरों की सैलरी पेंशन बाकी

  • गौरतलब है कि अबतक हिमाचल प्रदेश के 2 लाख से ज्यादा कर्मचारी और 1.50 लाख पेंशनर को सैलरी-पेंशन नहीं मिली है । चुंकी हिमाचल सरकार को कर्मचारियों को वेतन के लिए 1200 करोड़ और पेंशन के लिए 800 करोड़ रुपये की जरूरत होती है, लेकिन वित्तीय संकट के चलते इस बार सैलरी पेंशन 1 तारीख को नहीं जारी की गई , हालांकि यह पहली बार हुआ है कि कर्मचारियों पेंशनरों को समय पर वेतन नहीं मिला है।
  • अब केंद्र सरकार से राजस्व घाटा अनुदान की 490 करोड़ रुपये की मासिक किस्त मिलने के बाद ही वेतन का भुगतान होगा। सामान्य तौर पर राजस्व घाटा अनुदान की किस्त पांच-छह तारीख को सरकार के खाते में पहुंचती है। इसके बाद 10 तारीख को केंद्रीय करों के 688 करोड़ रुपये पहुंचते हैं। ऐसे में अब इसके बाद ही पेंशन मिलेगी।
  • इधर, मुख्यमंत्री, मंत्री, मुख्य संसदीय सचिव, कैबिनेट दर्जा प्राप्त सलाहकारों व सार्वजनिक उपक्रमों के अध्यक्ष-उपाध्यक्षों का वेतन व भत्ते अगले दो माह के विलंबित करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन वक्तव्य दिया था।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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