भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व सांसद सत्यदेव सिंह (Former MP Satyadev Singh) का हार्ट अटैक से निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे ।अभी पिछले दिनों ही उनकी पत्नी सरोज रानी सिंह का कोरोना से निधन हो गया था, जिसका उन्हें गहरा सदमा लगा था। उनके निधन पर सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई दिग्गजों ने दु:ख जताया है।
यह भी पढ़े…दिग्विजय सिंह का सवाल- क्या कमलनाथ सरकार गिराने में आपका हाथ था मोदी जी?
मिली जानकारी के अनुसार, बीते दिनों पूर्व सांसद सत्यदेव सिंह (75 वर्षीय) कोरोना संक्रमित (Corona Positive) हो गए थे, जिसके बाद उन्हें लखनऊ (Lucknow) के संजय गांधी पीजीआई (Sanjay Gandhi PGI) में भर्ती किया गया था, वहां पर हालत बिगड़ने पर उनको मेदांता अस्पताल गुरुग्राम (Medanta Hospital Gurugram) में शिफ्ट किया गया था, जहां गुरुवार को हार्ट अटैक (Heart Attack) से उनका निधन हो गया।
यह भी पढ़े…IPS सैयद मोहम्मद अफजल के निधन पर महिला अधिकारी की भावुक पोस्ट
बीते दिनों 5 दिसंबर को ही लखनऊ में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उनकी पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष सरोज रानी सिंह (District Panchayat President Saroj Rani Singh) का निधन (Death) हो गया था। इसके बाद पूरा परिवार कोरोना संक्रमित पाया गया था । 6 दिसंबर को सिंह हालत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें एयर एंबुलेंस से गुड़गांव लाकर मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
सूत्रों से पता चला है कि सत्यदेव सिंह की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी थी, लेकिन दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। वे पत्नी के निधन के बाद से ही सदमें में चल रहे थे। उनके निधन से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। सिंह के निधन की सूचना मिलते ही गोंडा स्थित उनके आवास पर संवेदना जताने वालों का तांता लग गया।
राजनैतिक करियर पर एक नजर-
- पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की विरासत कही जाने वाली बलरामपुर
- विधानसभा सीट (Balrampur Assembly Seat) से सांसद थे।
- भाजपा की केंद्रीय अनुशासन समिति के सदस्य रहे ।
- अटल बिहारी वाजपेयी, आरएसएस (RSS) और भाजपा के कई बड़े नेताओं के करीबी थे।
- सत्यदेव सिंह युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ-साथ प्रदेश उपाध्यक्ष समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके थे।
- पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कोर कमेटी तक में शामिल रहे थे।
- 1977 में गोंडा से सांसद पद का चुनाव लड़ा और जीता।
- राम मंदिर आंदोलन में भी देवीपाटन मंडल से उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही।
- परिवार में उनके दो पुत्र और तीन पुत्रियां हैं।