कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे और विधान परिषद सदस्य यतींद्र सिद्धारमैया ने एक बार फिर सतीश जारकीहोली के अपने पिता के उत्तराधिकारी बनने की संभावना पर बयान दिया है। इस बयान से राज्य में कांग्रेस सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को बल मिला है। यतींद्र ने कहा कि बेलगावी में उनके द्वारा दिया गया बयान पूरी तरह सही था और उसमें कोई गलती नहीं थी। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब वह इस मुद्दे पर आगे कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
यतींद्र ने प्रेस से बात करते हुए कहा, “मेरे बेलगाम बयान में कोई गलती नहीं है। मैं पहले ही इस पर सफाई दे चुका हूं। अगर इस संबंध में कोई नोटिस आता है, तो देखा जाएगा। मैं अब इस मुद्दे पर दोबारा बात नहीं करूंगा और मीडिया के सामने कोई सार्वजनिक बयान नहीं दूंगा।” उन्होंने नवंबर क्रांति की अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि यह सब केवल अटकलें हैं और मौजूदा स्थिति को देखते हुए सिद्धारमैया निश्चित रूप से अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे।
‘राजनीतिक करियर के अंतिम चरण में‘
इससे पहले, यतींद्र ने बेलगावी में बयान दिया था कि उनके पिता सिद्धारमैया अपनी राजनीतिक करियर के अंतिम चरण में हैं और 2028 के चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने सुझाव दिया था कि सतीश जारकीहोली को उनके पिता के बाद नेतृत्व संभालना चाहिए। यतींद्र ने कहा, “2028 के बाद कोई ऐसा नेता उभरना चाहिए जो समान विचारधारा का हो। सतीश जारकीहोली उन नेताओं में से एक हैं जो वैचारिक राजनीति करते हैं। वे मेरे पिता की जगह भरने की ताकत रखते हैं।”
यतींद्र के बयान को बचकाना बताया
यतींद्र के इस बयान की कांग्रेस विधायक शिवगंगा बसवराज ने आलोचना की है। उन्होंने यतींद्र के बयान को बचकाना करार देते हुए कहा कि नेतृत्व का फैसला पार्टी का हाईकमान करेगा, न कि कोई परिवार का सदस्य। इस बयान से कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर चर्चा तेज हो गई है, हालांकि यतींद्र ने अब इस मुद्दे पर चुप्पी साधने का फैसला किया है।





