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Tue, Dec 16, 2025

दिल्ली में आवारा कुत्तों पर सख्ती: एमसीडी बनाएगा शेल्टर, शुरू होगी हेल्पलाइन सेवा

Written by:Vijay Choudhary
दिल्ली में आवारा कुत्तों पर सख्ती: एमसीडी बनाएगा शेल्टर, शुरू होगी हेल्पलाइन सेवा

दिल्ली में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और उनसे जुड़े खतरे अब एक गंभीर समस्या बन चुके हैं। 2025 में अब तक 26,334 लोगों को कुत्ते काट चुके हैं, जो चिंता का विषय है। इसी को देखते हुए दिल्ली नगर निगम (MCD) ने इस समस्या से निपटने के लिए नई योजना तैयार की है। इसके तहत शहर के 12 जोनों में कुत्तों के लिए शेल्टर बनाए जाएंगे और एक हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया जाएगा।

हर जोन में शेल्टर, जल्द शुरू होगी हेल्पलाइन सेवा

एमसीडी की योजना के अनुसार, दिल्ली के सभी 12 नगर निगम जोनों में शेल्टर (आश्रय स्थल) बनाए जाएंगे, जहां आवारा कुत्तों को रखा जाएगा। इससे उन्हें सुरक्षित माहौल मिलेगा और वे सड़क पर भटकते हुए लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।

इसके अलावा एक हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया जा रहा है, जिस पर आम लोग कॉल कर के आवारा कुत्तों की जानकारी MCD तक पहुंचा सकेंगे। इस सूचना पर एमसीडी की टीम मौके पर जाकर कुत्तों को पकड़ेगी और उन्हें शेल्टर में पहुंचाएगी।

हर महीने 10 हजार कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण

एमसीडी अधिकारियों का दावा है कि फिलहाल हर महीने लगभग 10,000 आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण किया जा रहा है। इस काम में कई गैर-सरकारी संगठन (NGO) भी साथ दे रहे हैं।

एमसीडी की योजना है कि भविष्य में और भी एनजीओ को इस काम में जोड़ा जाए, ताकि यह प्रक्रिया और तेजी से आगे बढ़ सके। इससे कुत्तों की अनियंत्रित संख्या पर रोक लगाई जा सकेगी और इंसानों व जानवरों के बीच टकराव भी कम होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी, फैसला सुरक्षित

यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच चुका है, जहां कुछ याचिकाओं में आवारा कुत्तों को शेल्टर में रखने के एमसीडी के आदेश को चुनौती दी गई है। गुरुवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा, “दिल्ली-एनसीआर में कुत्तों की यह समस्या स्थानीय प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है।” अदालत ने अपना फैसला सुनवाई के बाद सुरक्षित रख लिया है।

जमीन आवंटन बनी सबसे बड़ी चुनौती

एमसीडी की स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने कहा कि शेल्टर बनाने की योजना पर काम चल रहा है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या जमीन की उपलब्धता है। उन्होंने कहा, “हमें शेल्टर बनाने के लिए पर्याप्त जमीन चाहिए, जो अब भी एक बड़ी चुनौती है।” उन्होंने यह भी बताया कि हेल्पलाइन शुरू होते ही कार्रवाई और तेज होगी, और टीम मौके पर जाकर कुत्तों को सुरक्षित तरीके से शेल्टर में भेजेगी।