दिल्ली ,डेस्क रिपोर्ट। अपने उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामलों को सार्वजनिक नहीं करने के लिए देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। सर्वोच्चय न्यायालय ने भाजपा और कांग्रेस समेत 8 राजनीतिक दलों पर जुर्माना लगाया है। अपने फैसले में बिहार चुनाव के दौरान उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास को सार्वजनिक करने के अदालत के निर्देशों का पालन न करने के लिए भाजपा और कांग्रेस पर एक-एक लाख और राकांपा(राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) और सीपीएम (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ) पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर वोटर को उम्मीदवार के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान और सभी उम्मीदवार की आपराधिक पृष्ठभूमि के संबंध में सूचना भी उपलब्ध कराएं साथ ही साथ चुनाव आयोग को व्यापक जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया गया है।यह विभिन्न प्लेटफार्म के जरिए किया जाए, जिसमें सोशल मीडिया, वेबसाइट, टीवी विज्ञापन, प्राइम टाइम, वाद-विवाद, पर्चे शामिल हैं।
कांग्रेस, भाजपा, एनसीपी और सीपीएम सहित कई दलों ने बिहार चुनाव के दौरान अपनी पार्टी के उम्मीदवारों पर चल रहे आपराधिक मुकदमों के बारे में सार्वजनिक घोषणा नहीं की थी। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इन पार्टियों के खिलाफ यह कार्रवाई की है। सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश है कि राजनीतिक पार्टियों को यह घोषणा करना होगा कि उनकी पार्टी के कितने उम्मीदवारों पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। राजनीति में अपराधीकरण खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कई अहम टिप्पणी कीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत ने कई बार कानून बनाने वालों को आग्रह किया कि वे नींद से जागे और राजनीति में अपराधीकरण रोकने के लिए कदम उठाएं। लेकिन, वे लंबी नींद में सोए हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को एक मोबाइल एप्लिकेशन बनाने का निर्देश दिया है उम्मीदवारों द्वारा उनके बारे में दी गई जानकारी ऐप के जरिए सार्वजनिक करनी होगी। इसमें आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में पूरा ब्योरा होगा, ताकि प्रत्येक वोटर को मोबाइल फोन पर जानकारी मिल जाए। साथ ही साथ चुनाव आयोग को व्यापक जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया गया है।