हैदराबाद, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र और राज्य सरकारें (State Government) भले ही लाख दावे करे लेकिन इन दिनों भाजपा (BJP) के अंदरखानों में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। एक तरफ कर्नाटक सीएम बीएस येदियुरप्पा (Karnataka CM BS Yediyurappa) के इस्तीफे की अटकलें तेज है वही दूसरी तरफ तेलंगाना के पूर्व मंत्री मोटुपल्ली नरसिम्हुलु ( Former Minister Motkupalli Narasimhulu) ने भाजपा छोड़ दी है। पूर्व मंत्री मोटुपल्ली नरसिम्हुलु ने अपना इस्तीफा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय को भेज दिया है।
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पूर्व मंत्री ने तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय कुमार (Telangana State President Bandi Sanjay) से कहा कि ऐसे समय में जब राज्य और देश में कई राजनीतिक उथल-पुथल हो रही हैं, मैं निस्वार्थ सेवा करने के लिए पार्टी में शामिल हुआ था लेकिन पार्टी मेरे लंबे राजनीतिक अनुभव को देखते हुए मुझे सही जगह देने में विफल रही।उन्होंने अफसोस जताया कि भगवा पार्टी ने उन्हें पार्टी की केंद्रीय समिति में एक कार्यकारी सदस्य की भूमिका भी नहीं दी।
हैरानी की बात तो ये है कि ये इस्तीफा ऐसे समय में सामने आया है जब हाल ही में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (Chief Minister K. Chandrashekhar Rao) से दलितों के लिए अपने विचार रखने के निमंत्रण पर मुलाकात की थी।पूर्व मंत्री ने बताया कि वह इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं क्योंकि पार्टी उनके जैसे व्यक्ति को दूर रख रही है जो मूल्यों के लिए काम करता है।वह पहले तेलुगु देशम पार्टी के सदस्य थे और अब बीजेपी से भी इस्तीफा दे दिया है।
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पूर्व मंत्री ने कहा कि पूर्व मंत्री इटेला राजेंदर के पार्टी में प्रवेश के बारे में सूचित नहीं किए जाने के लिए शर्मिंदा हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय को सूचित किया था कि उन्हें सीएम केसीआर द्वारा आयोजित दलित सशक्तिकरण बैठक में अपने विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया गया था।वह पार्टी के भीतर मतभेदों से दुखी हैं और इन घटनाक्रमों के मद्देनजर भाजपा से इस्तीफे की घोषणा की।