बेनतीजा रही स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ बैठक, आज भी जारी रहेगी देश के कई राज्यों में डॉक्टरों की हड़ताल, सोशल मीडिया पर भी चलाया जाएगा ‘#निर्भया2.0’ अभियान

कोलकाता में एक इंटर्न डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता और हत्या के खिलाफ डॉक्टरों की नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। बता दें कि इसके विरोध में पूरे देश के चिकित्सकों ने हड़ताल की शुरुआत कर दी है।

Rishabh Namdev
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कोलकाता में एक इंटर्न डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता और हत्या के खिलाफ डॉक्टरों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। दरअसल इस वीभत्स घटना के विरोध में, पूरे देश के चिकित्सकों ने हड़ताल की शुरुआत कर दी है। जानकारी के अनुसार सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों और डॉक्टरों के बीच हुई बैठक में कोई ठोस नतीजा न निकलने के बाद, डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया। इस हड़ताल के कारण देश के कई सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं ठप हो गई हैं, जिससे मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

दरअसल हड़ताल कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक इंटर्न डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता और हत्या के विरोध में शुरू की गई है। इस भयावह घटना ने पूरे देश के चिकित्सकों को गहरा झटका दिया है। वहीं विभिन्न डॉक्टर संघों ने इस कुकृत्य की तीखी निंदा की है और सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की है।

FORDA और FAIMA द्वारा हड़ताल का नेतृत्व

बता दें कि फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) और FAIMA डॉक्टर्स एसोसिएशन इस हड़ताल का नेतृत्व कर रहे हैं। इन दोनों संगठनों ने आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर ओपीडी और अन्य गैर-आपातकालीन सर्जरी सहित सभी वैकल्पिक सेवाओं का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। FAIMA डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. मनीष जांगड़ा ने हड़ताल को जारी रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और सभी डॉक्टरों से इस आंदोलन में भाग लेने का आग्रह किया।

हड़ताल को देशभर में व्यापक समर्थन प्राप्त

जानकारी के अनुसार इस हड़ताल को देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापक समर्थन मिला है। दरअसल महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों के डॉक्टरों ने इस हड़ताल में भाग लिया है। इसके अलावा, कई संकाय संघों ने भी इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है। हड़ताल के कारण इन राज्यों के सरकारी अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं बंद हो गई हैं, जिससे मरीजों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

सोशल मीडिया पर #निर्भया2.0 का अभियान

दरअसल डॉक्टरों की हड़ताल को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सोशल मीडिया पर #निर्भया2.0 के नाम से एक अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान का मकसद सरकार और जनता को इस गंभीर घटना के प्रति जागरूक करना है। ट्विटर पर चलाए जाने वाले इस अभियान के माध्यम से डॉक्टर अपनी मांगों को जोरदार तरीके से उजागर करेंगे।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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